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14 साल से हुआ है यूपी से विकास का वनवास : पीएम मोदी

एक पार्टी को बेटे की, दूसरी को पैसे तो तीसरी को परिवार की चिंता

लखनऊ  : नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली बड़ी सभा आज लखनऊ में हुई। प्रधानमंत्री मोदी के मंच पर पहुंचते ही लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई। भीड़ ने हर-हर मोदी और जय श्रीराम के नारे लगाए। राजनाथ स‌िंह ने केशव मौर्य को 192 दिनों तक परिवर्तन यात्राएं चलाने पर बधाई दी। पीएम मोदी जब मंच पर पहुंचे तो कुछ देर तक सभास्थल पर नजर दौड़ाई फ‌िर बोले इतनी रैल‌ियां संबो‌ध‌ित कीं लेक‌िन इतनी भीड़ पहली बार देखी है।

मैं कई वर्षों से राजनीति में हूं। भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर संगठन का कार्य मिला। मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का अवसर मिला। प्रधानसेवक के रूप में आपकी सेवा करने का अवसर मिला लेकिन इतने सालों में इतनी बड़ी रैली का संबोधन का अवसर अब तक नहीं मिला। मैं जब लोकसभा इलेक्शन में था तब भी ऐसा दृश्य देखने को नहीं मिला। उन्होंने कहा क‌ि इतनी संख्या में आने के ल‌िए आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा क‌ि मैं लखनऊ की धरती को प्रणाम करता हूं। अटल जी ने लखनऊ की जो सेवा की वो आज भी यहां महसूस होती है।

अटल जी और कल्याण सिंह अगर आज टीवी पर देखते होंगे तो हम सबको आशीर्वाद देते होंगे। भाइयों बहनों, आपने कमाल कर दिया। पॉलिटिकल पंडित चुनाव का हिसाब किताब लगाते हैं। यूपी का चुनाव किस दिशा में जाएगा उसका हिसाब करने वालों को अब मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। हवा का रुख अब साफ है। सरकार बदलने के छह महीने बाद लोग पुरानी सरकार को भूल जाते हैं लेकिन मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि भाजपा की जो सरकारें चलीं आज 14 साल भी यूपी के लोग उसे याद करते हैं और वर्तमान सरकारों के साथ तुलना करते हैं। बीते दिनों टीवी पर कुछ लोगों को कहते सुना कि बीजेपी का 14 साल का वनवास खत्म होगा। मुद्दा वनवास का नहीं है। मुद्दा 14 साल के लिए यूपी में विकास का वनवास हो गया है।

मोदी ने मौजूदा यूपी सरकार पर विकास में बाधा बनने का आरोप लगाया और कहा, क्या यही खेल खेलते रहोगे क्या? जब से दिल्ली में हमारी सरकार बनी है यूपी सरकार को हर बार 1 लाख करोड़ रुपये ज्यादा रकम मिली है। ढाई साल में ढाई लाख करोड़ रुपए कम नहीं होता। अगर दिल्ली सरकार के रुपयों का सही उपयोग हुआ होता तो यूपी कहां से कहां पहुंच गया होता। दो दलों के बीच में राजनीति समझी जा सकती है लेकिन जनता के साथ राजनीति नहीं होनी चाहिए। जब ऐसा होता है तो विकास रुक जाता है।

आज मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भारत सरकार से पूरी मदद मिलने के बाद किसानों के लिए फुरसत नहीं थी। हमें किसानों की ऐसी हालत मंजूर नहीं है। इसके लिए परिवर्तन लाना जरूरी है।

क्या राजनीति इतनी नीची गई है अम्बेडकर और रमाबाई को प्रणाम करने में गर्व महसूस होता है लेकिन हमने बीते दिनों रुपयों के लेन-देन के लिए भीम नाम की ऐप लॉन्च भीम को आर्थिक लेन-देन के हिसाब-किताब में महारथ हासिल की थी। इतने साल पहले इस महापुरुष को रुपए के भविष्य का पता था अगर ऐसे महापुरुष के नाम पर ऐप चले तो किसी के पेट में चूहे क्यों दौड़ रहे हैं।

मैं चाहता हूं आप इस ऐप को गांव-गांव तक पहुंचाएं। एक दल ऐसा है जो अपने बेटे को स्थापित करने के लिए पिछले 15 साल से स्थापित कर रहा है लेकिन दाल गलती नहीं नजर आ रही। दूसरा दल पैसे रखने की चिंता में है। दूर-दूर की बैंकें खोज रहे हैं‌ कि पैसा कहां ठिकाने लगाएं। एक दल, परिवार का क्या होगा… उसमें लगा हुआ है

अब यूपी की जनता को तय करना है कि पैसों को बचाने के‌ लिए जो लगे हैं वो यूपी को बचा पाएंगे क्या? एक तरफ परिवार में उलझी पार्टी बस भाजपा ही जो यूपी को बचा सकती है। यूपी में आधा-अधूरा परिवर्तन मत करना। भारी बहुमत के साथ परिवर्तन करना ताकि कोई रुकावट न आए। मैंने नोटबंदी के 50 दिन बाद गरीबों के लाभ, उनके घर, प्रसूताओं के लिए योजनाएं बनाईं। लोगों को इससे भी तकलीफ हुई। मोदी पैसा ले ले इससे भी परेशानी हुई। मोदी पैसा दे इससे भी परेशानी हुई। भाइयों-बहनों मैं एक बात कहना चाहूंगा कि यूपी का प्रभाव का पूरे हिंदुस्तान पर होता है। ये चुनाव बहुत जिम्मेदारी का है। जो हमारे साथ हैं उनका भी भला हो, जो साथ नहीं है उनका भी भला है। भाजपा के लिए कुछ कर दिखाने का चुनाव है।

पूर्ण बहुमत की सरकार बने, इतनी स‌ीमित सोच हमारी नहीं है। हिंदूस्तान का भाग्य बदलने के ल‌िए पहले यूपी का भाग्य बदलना पड़ेगा। इसलिए भारत को आगे बढ़ना है तो यूपी का आगे बढ़ना आवश्यक है।

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