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सीएम पद से पन्नीरसेल्वम का इस्तीफा,शशिकला को चुना गया विधायक दल का नेता

चेन्नई । रविवार को बुलाई गई पार्टी की बैठक में एआईडीएमके की महासचिव वीके शशिकला को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। जिसके बाद शशिकला का राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनने का रास्ता अब पूरी तरह से साफ हो गया है। मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने ही उनके नाम का प्रस्ताव पेश किया था। उधर, ओ. पन्नीसेल्वम ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। एआईडीएमके की तरफ से ट्वीट में भी कहा गया है कि चिनम्मा राज्य की अगली मुख्यमंत्री बननी जा रही है।

पार्टी नेताओं ने कहा कि एआईडीएमके नेताओं की बैठक में पन्नीसेल्वम ने शशिकला के नाम का प्रस्ताव रखा। पन्नीरसेल्वम ने कहा, मैने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और शशिकला को सर्वसम्मति से पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया। सभी विधायकों का समर्थन है।

पन्नीरसेल्वम ने कहा मैं सीएम बन जाऊं एआईएडीएमके के ट्वीटर एकाउंट के जरिए शशिकला ने कहा, “सबसे पहले ओ. पन्नीरसेल्वम ने इस बात पर जोर दिया कि मैं मुख्यमंत्री बन जाऊं। इससे पहले जयललिता के निधन के बाद सबसे पहले पन्नीरसेल्वम ने ही महासचिव का पदभार ग्रहण करने के लिए कहा था।” इससे पहले, पन्नीरसेल्वम और अन्य मंत्री स्वर्गीय जे. जयललिता के आवास पोज गार्डन जहां अब शशिकला रहती हैं वहां आकर शशिकला से मिले।

एक जानकारी के अनुसार एआईडीएमके विधायकों को बैठक के एजेंडा के बारे में पहले से कुछ भी नहीं बताया गया था। मुख्य तौर पर इस बैठक का मकसद सरकार के कामकाज के बारे में चर्चा करना और आगामी चौबीस फरवरी को आ रहे जयललिता के जन्मदिन के आयोजन के बारे में था। यह बैठक जयललिता की तरफ से पार्टी के विभिन्न पदों से निकाले गए लोगों को शशिकला की तरफ से दोबारा नियुक्त किए जाने के एक दिन बाद बुलाई गई थी।

नटराजन थेवर समुदाय से ताल्लुक रखती हैं और उन्हें जयललिता के करीबी लोगों में गिना जाता था। जयललिता के जीवन में वो परदे के पीछे से पार्टी का काम देखती रही थी। एक समय ऐसा था जब ऐसा भी कहा जाता था कि जयललिता के हर फैसले के पीछे शशिकला का हाथ होता था। दोनों के रिश्तों में कई बार अनबन भी हुए।

 उल्लेखनीय है कि वीके शशिकला को अन्नाद्रमुक का महासचिव चुने जाने के खिलाफ पार्टी की बर्खास्त नेता शशिकला पुष्पा की शिकायत पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने जवाब तलब किया है। आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया, शशिकला पुष्पा ने शिकायत की है कि वीके शशिकला का चुनाव तय प्रक्रिया के मुताबिक नहीं था और यह अलोकतांत्रिक तरीके से किया गया था। सूत्रों ने ज्यादा जानकारी तो नहीं दी, लेकिन इतना जरूर बताया कि अन्नाद्रमुक से शिकायत का जवाब देने के लिए कहा गया है, लेकिन इसकी कोई समयसीमा तय नहीं की गई है क्योंकि यह ‘नोटिस’ नहीं है।

वहीँ जयललिता की भतीजी दीपा माधवन ने मीडिया से बातचीत करते हुए शशिकला की संभावित ताजपोशी की तुलना सेना के तख्तापलट से की है। जयललिता की भतीजी ने कहा कि तमिलनाडु के लोग यह फैसला स्वीकार नहीं करेंगे। यह बहुत ही गलत निर्णय होगा बिल्कुल सेना के तख्तापलट जैसा। आपको बता दें कि शशिकला ने एक दिन पहले ही कुछ पूर्व मंत्रियों को पार्टी में विभिन्न पदों पर उन लोगों को नियुक्त किया हैं जिन्हें पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता ने बर्खास्त कर दिया था।

devbhoomimedia

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