PAURI GARHWALUTTARAKHAND

पौड़ी जिले में इंटीग्रेटेड फार्मिंग की तरफ बढ़ रहा है युवाओं का रुझान

जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल द्वारा युवाओं को किया जा रहा है प्रेरित 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की योजना को वैसे तो उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के सभी जिलाधिकारी जमीन पर उतारने का भरसक प्रयास किए हुए हैं और सूबे के युवाओं और खासकर बेरोज़गार युवाओं को इसका लाभ भी मिलता दीख रहा है, लेकिन पौड़ी के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने तो सभी से एक हाथ आगे बढ़कर पौड़ी जिले में इंटीग्रेटेड फार्मिंग की तरफ युवाओं का रुझान बढ़ाया है परिणामस्वरूप उनकी योजना जिले के युवाओं को आजीविका उपलब्ध कराने और किसानों की आय बढ़ाने में बहुत उपयोगी साबित हो रही है। इस दृष्टिकोण पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। हमारी सरकार, इसके लिए अनेक योजनाओं के माध्यम से लगातार प्रयास कर रही है।
ऐसे ही प्रयासों के चलते जनपद पौड़ी मे पहली बार क्लस्टर आधारित मत्स्य पालन योजना का प्रारम्भ किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य मत्स्य पलकों को कम समय में अधिक से अधिक लाभ देते हुए मुर्गीपालन, पॉलीहाउस जैसी गतिविधियों से जोड़ते हुए इंटीग्रेटेड फार्मिंग करना है। इसके लिए अनेक तालाबों का निर्माण किया गया है।
पंगास मत्स्य पालन योजना को अपना कर काश्तकार 8 माह के अन्दर 2 से 3 कुंतल तक मत्स्य उत्पादन कर 50 से 60 हजार रूपये तक का लाभ ले सकते हैं। इस वर्ष पौड़ी जनपद में लगभग 200 मत्स्य पालन यूनिट का निर्माण प्रस्तावित है। अन्य जिलों में भी इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर काम किया जा रहा है। घर लौटे प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए भी मत्स्य पालन रोजगार का एक बेहतर जरिया बन सकता है।

Related Articles

Back to top button
Translate »