Uttar Pradesh

योगी सरकार के साढ़े चार वर्ष पूरे : तैयार हुई आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव

-उत्तर प्रदेश की पहचान छोड़ उभरा सक्षम और समर्थ उत्तर प्रदेश
-लखनऊ सहित प्रदेश भर में होंगे विविध आयोजन
लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने साढ़े चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। वर्षगांठ के विशेष मौके पर रविवार को लोकभवन में भव्य समारोह आयोजित किया गया है, जहां मंत्रिपरिषद के सहयोगियों के साथ सीएम योगी सरकार की अब तक की यात्रा पर चर्चा करेंगे। 54 माह पूरे होने पर लखनऊ की तर्ज पर सभी जिलों में कार्यक्रम आयोजित होंगे।
विकास के पैमाने पर समग्रता से देखें तो इन साढ़े चार वर्षों में राष्ट्रीय पटल पर एक नया सक्षम और समर्थ उत्तर प्रदेश उभर कर आया है। चार वर्ष पहले तक देश की सबसे बड़ी आबादी होने के बाद भी बीमारू की छवि के साथ देश में पांचवे नम्बर की अर्थव्यवस्था होने का दंश झेलने वाला यूपी आज लगातार प्रयासों से दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बनकर सामने आया है। साढ़े चार साल में साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली तो एंटी रोमियो स्क्वाड से मिशन शक्ति तक की कोशिशों से महिलाएं सुरक्षित, सम्मानित हैं और स्वावलम्बन की मिसाल बन रही हैं। 2017 तक यहां की बेरोजगारी दर 17 फीसदी तक थी जबकि आज 4 फीसदी है। बीते 19 माह के कोविड काल का सामना यूपी ने जिस ढंग से किया, उसकी सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म पर हो रही है।
डबल इंजन की सरकार, विकास की बढ़ी रफ्तार:
केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार होने का सीधा फायदा आमजन को मिला है। 2017 में योगी सरकार के गठन के बाद केंद्र सरकार के साथ राज्य की शानदार “बॉन्डिंग” देखने को मिली। नतीजतन, आज पीएम किसान योजना हो, स्वच्छ भारत मिशन हो, उज्ज्वला और उजाला योजना हो अथवा खाद्यान्न उत्पादन, उत्तर प्रदेश सभी में शीर्ष स्थान पर है। गन्ना मूल्य भुगतान में यूपी ने शानदार काम किया। न केवल नई चीनी मिलें खुलीं, बल्कि पुरानी की क्षमता वृद्धि भी की गई। गन्ना किसानों को अब तक 1.44 लाख करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
चार साल में एक भी दंगा नहीं: आए दिन साम्प्रदायिक दंगों की चपेट में रहने वाले उत्तर प्रदेश के लिए साढ़े चार वर्षों में एक बड़ी उपलब्धि ‘दंगा मुक्त उत्तर प्रदेश’ की कल्पना को साकार करना रहा। सीएम योगी की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का ही नतीजा है कि अलग-अलग मौकों पर विपक्षी दल भी यूपी की चुस्त-दुरुस्त कानून व्यवस्था की सराहना करते रहे हैं। बीते 54 महीनों में एक भी साम्प्रदायिक दंगा नहीं हुआ। नतीजा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी नम्बर दूसरे पर है और निवेशकों का भरोसा बढ़ा। बीते साढ़े चार वर्षों में विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे जैसी दूरगामी परिणामदायक परियोजनाओं के माध्यम से हाईस्पीड कनेक्टिविटी के एक नए युग का प्रारंभ हुआ है। जेवर, कुशीनगर और अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का चल रहा निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। यह सब, दुनिया के मानचित्र पर उत्तर प्रदेश को नई पहचान दिलाने वाले हैं।

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