Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया अध्याय लिखने वाले योगी आदित्यनाथ का आज यानी पांच जून 2022 को 50वां जन्मदिन है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया अध्याय लिखने वाले योगी आदित्यनाथ का आज यानी पांच जून 2022 को 50वां जन्मदिन है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने से पहले गोरखपुर की गोरक्षपीठ से दीक्षा लेने वाले योगी आदित्यनाथ का राजनीति में समय-समय पर किरदार बदलता रहा। इस दौरान भी उन्होंने हर भूमिका को एक मिशन के रूप में लेकर सफलता के झंडे गाड़े।
उत्तराखंड के पंचुर, पौड़ी गढ़वाल में पांच जून 1972 को जन्मे अजय सिंह बिष्ट ने बीएससी तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद गोरखपुर की गोरक्षपीठ पहुंचे तो फिर वापसी के बारे में सोचा तक नहीं। गोरखपुर को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले योगी आदित्यनाथ ने नाथ संप्रदाय को भी काफी आगे बढ़ाया। गोरखपुर से 1998 से 2017 तक लोकसभा के सदस्य रहे योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली।
बेहद सख्त प्रशासक के रूप में विख्यात योगी आदित्यनाथ के जुनून से सभी परिचित हैं। वह अपनी कर्मभूमि गोरखपुर के गोरखनाथ मन्दिर के महंत भी हैं। हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं। इनकी छवि एक प्रखर राष्ट्ररवादी नेता की है।
योगी आदित्यनाथ ने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की। 1987 में दसवीं की परीक्षा पास की। 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कालेज से इंटर की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुएशन के दौरान वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी की परीक्षा पास की।

इसके बाद गुरु गोरखनाथ पर शोध करने गोरखपुर आए। यहां पर वह महंत अवैद्यनाथ के शरण में आ गए और 1994 में पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया। इसके बाद 12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें यहां का महंत बनाया गया। इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।
योगी आदित्यनाथ छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े थे और 1998 में गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा में पहुंचे। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 26 वर्ष थी। वह देश के सबसे युवा सांसद थे। इसके बाद तो 2014 तक लगातार सांसद रहे। अप्रैल 2002 में इन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी बनायी। 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। 2009 में दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर सांसद चुने गए। 19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुना गया। योगी आदित्यनाथ ने रविवार, 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।

भाजपा के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने का रिकार्ड बनाने वाले योगी आदित्यनाथ ने अपने नेतृत्व में किसी भी दल को 37 वर्ष बाद फिर से उत्तर प्रदेश की सत्ता का स्वाद चखाया। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति पर काम करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को विकास की राह पर सरपट दौड़ाने में कठिन समय में भी लगातार काम किया। भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय नेताओं में शामिल हो चुके योगी आदित्यनाथ का सपना उत्तर प्रदेश को सभी क्षेत्र में नम्बर एक बनाने का भी है। वह इसी अभियान में लगे हैं।

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