POLITICS

विधायकों के खिलाफ कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा!

  • रायपुर,मसूरी और धरमपुर विधानसभा के कार्यकर्ताओं में नाराजगी
  • निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर वितरण में विधायकों की मनमानी

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । नगर निगम चुनाव के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं में विधायकों के खिलाफ निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर विधायकों ने टिकट वितरण में अपनी मनमानी करने पर कार्यकर्ताओं का गुस्सा सड़कों पर दिखाई दे रहा है । पहले टिकट वितरण को लेकर और फिर भीतरघात से आहत कार्यकर्ता इन इन दिनों सड़कों पर है उनका आरोप है कि निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर विधायकों ने टिकट वितरण में अपनी मनमानी की है कुछेक सीटें विधायकों की पसन्द ना होने की वजह से वहां निर्दलीय पार्षदों की जीत हुई।

जिस वजह से कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इन सीटों पर पार्टी की हार विधायकों की वजह से हुई। रायपुर ,मसूरी और धरमपुर विधानसभा में कार्यकर्ताओं में बहुत नाराजगी है वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पहले पार्टी में संगठन सर्वोपरि होता था संगठन जो निर्णय करता था वही सर्वोपरि माना जाता था लेकिन कुछ समय से परंपरा से हटकर विधायक संगठन के चुनाव में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं और पार्टी पर दबाव बनाकर अपने अपने चेलों को मंडल से लेकर प्रदेश तक संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर बैठा रहे हैं उससे पार्टी को ही नुकसान हो रहा है।

कार्यकर्ताओं का मूल्यांकन भी ठीक ढंग नहीं हो पा रहा है अभी हाल में निकाय चुनाव में भी यह देखने को मिला है की विधायक अपने अपने चेलों को टिकट देने में कामयाब रहे संगठन ने अपनी जिम्मेदारी मानो विधायकों को सौंप दी है इससे निष्ठावान कार्यकर्ताओं में आक्रोश होना स्वाभाविक है कुछ जगह तो यह देखने को मिला है 6 महीने पहले आए लोगों की पैरवी करते हुए विधायक देखे गए कुछ समय से उत्तराखंड भाजपा में संगठन नाम की कोई चीज दिखाई नहीं दी ।

संगठन की जिम्मेदारी निभा रहे नटवरलाल ने पार्टी की जो फजीहत कराई है वह किसी से छिपी नहीं है पार्टी को उससे बहुत नुकसान उठाना भी पड़ेगा । नटवरलाल की शिकायतें कार्यकर्ताओं द्वारा बार-बार हाईकमान को भी दी गई मगर ऐसी क्या मजबूरी थी जो बार बार उनको बचाया गया सभी कार्यकर्ताओं में इस वजह से भी खासी नाराजगी है । आगामी लोकसभा चुनाव सिर पर है ऐसे में पार्टी को निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर भरोसा करना होगा। सरकार के कार्यों को आम जन तक पहुंचाने के लिए संगठन को आगे आना होगा।

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