दरबार साहिब में झण्डे जी के आरोहण के साथ ही दून का प्रसिद्ध झण्डा मेला शुरु

- -आस्था के महाकुंभ का साक्षी बनने को उमड़ा जनसैलाब
- -शाम 4.45 बजे हुआ झंडे जी का आरोहण, इन्द्रदेव ने दिया आशीर्वाद
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । आस्था के महाकुंभ का साक्षी बनने के लिए श्री दरबार साहिब में सोमवार को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। लाखों श्रद्धालु झण्डे जी के सम्मुख श्रद्धा के साथ शीश नवाए खड़े रहे। हर कोई श्री झण्डा साहिब के समक्ष मत्था टेकने और गुरु महाराज के दर्शन को बेताब रहा। श्री दरबार साहिब परिसर व आसपास के क्षेत्रों में तिल रखने भर की भी जगह नहीं है। जैसे-जैसे झण्डे जी पर गिलाफ के आवरण चढ़ाने का क्रम बढ़ता जाता, संगतों का उत्साह भी पराकाष्ठा तक पहुंचता जाता। दर्शनी गिलाफ के चढ़ते ही व श्री झण्डे जी के आरोहण की प्रक्रिया प्रारम्भ होते ही श्री गुरु राम राय महाराज जी के जयकारों की ध्वनि तेज हो उठी। मंगलवर शाम 04 बजकर 10 मिनट पर जैसे ही श्री दरबार साहिब देहरादून के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुआई में श्री झण्डे जी का आरोहण किया गया, वैसे ही पूरी द्रोणनगरी श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारों से गूंज उठी। श्रद्धालुओं ने श्री गुरु महाराज जी के जयकारे लगाए व ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया। इसी के साथ देहादून के ऐतिहासिक एवम् सांस्कृतिक विरासत श्री झण्डे जी मेले का विधिवत शुभारंभ हो गया।
श्री झण्डे जी आरोहण का लाइव आकर्षण देखने के लिए श्री दरबार साहिब मेला समिति के द्वारा इस बार 4 बड़ी एलईडी स्क्रीनों की व्यवस्था की गई थी। एक स्क्रीन दर्शनी गेट, एक स्क्रीन भण्डारी चैक, एक स्क्रीन सहारनपुर चैक व एक स्क्रीन श्री दरबार साहिब परिसर के अंदर लगाई गई। सभी स्क्रीनों पर एक साथ मेले का सजीव प्रसारण किया गया। श्री दरबार साहिब व श्री झण्डे जी आरोहण के सामने का पूरा हिस्सा संगतों से पूरी तरह पैक रहा। संगतों ने एलईडी स्क्रीन पर श्री झण्डे जी आरोहण का सीधा प्रसारण देखा। ड्रोन द्वारा की गई कवरेज भी सबकी आकर्षण का केन्द्र रही। विदेशी संगतें भी पहुंची श्री दरबार साहिब श्री झण्डे जी पर शीश नवाने के लिए देश-विदेश से संगतें पहुंची हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश सहित विदेशों से आई संगतें श्री झण्डे जी आरोहण की साक्षी बनी। श्री दरबार साहिब में श्रद्धालु भजन-कीर्तन के साथ ही गुरु महिमा का गुणगान करते रहे। श्रद्धालुओं ने ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया। श्रद्धा का सैलाब और आस्था का समंदर और उस पर भक्ति के रस से सराबोर संगत। संगत का सैलाब ऐसा कि कहीं तिल रखने की जगह नहीं और चारों ओर गुरु के जयकारों की गूंज, फिर भी असीम शांति का एहसास। यह अद्भुत नजारा सोमवार को श्री दरबार साहिब में दिखाई दिया। जहां देश-विदेश से पहुंचे लाखों श्रद्धालु आस्था व विश्वास के प्रकाश पुंज झंडे जी के आरोहण की पवित्र रस्म के साक्षी बने।
सुबह करीब आठ बजे झंडे जी को उतारने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद झंडेजी का दूध, दही, घी, गंगाजल, पंचगव्य से स्नान कराया गया। पूजा-अर्चना के बाद गिलाफ चढ़ाना शुरू किया गया। 41 सादे गिलाफ, 21 सनील के गिलाफ और अंत में पंजाब के होशियारपुर जिले के केसर सिंह के पुत्र ने दर्शनी गिलाफ चढ़ाया। उनके पिता ने करीब 104 साल पहले दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए बुकिंग कराई थी। दर्शनी गिलाफ को छूने को हर कोई श्रद्धालु आतुर था। इसके बाद मखमली वस्त्र, सुनहरे गोटों, चंवर से सुसज्जित कर झंडे जी का आरोहण किया गया। दरबार साहिब के महंत श्री देवेंद्र दास महाराज के दिशा-निर्देशन में 95 फीट ऊंचे झंडे जी को लकड़ियों की कैंची के सहारे धीरे-धीरे खड़ा किया गया। शाम करीब 4:45 बजे शक्ति पुंज के आरोहण होते ही पूरा माहौल जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल, सच्चे दरबार की जय, दरबार साहिब की जय आदि जयकारों से गूंज उठी। आस्था की भावुकता से श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गई।



