त्रिवेंद्र सरकार ने पोंछे कई लाचार माताओं के आंसू,जिनके बच्चे थे कुपोषण के शिकार
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का गोद अभियान,उत्तराखंड को बाल कुपोषण से दिला रहा मुक्ति
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादूनः उस मां के दर्द और लाचारी को कोई और नहीं समझ सकता, जिसके सामने उसका कुपोषित बच्चा जिंदगी के लिए जूझ रहा हो और तंगहाली के चलते आंसुओं के साथ सुबुकने के अलावा उस मां के सामने कोई दूसरा चारा ही नहीं हो। प्रदेश में ऐसे हजारों की तादाद में यहां ऐसे बच्चे हैं जिनकी माताओं के सामने यह बेवशी है, लेकिन उनकी आँखों के आंसुओं को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने समझा है उन्होंने प्रदेश में गोद अभियान चला कर ऐसी बेवश माताओं के आंसू पोंछने का सराहनीय काम किया है।
गौरतलब है कि कुपोषण की समस्या पूरे देश की एक बड़ी समस्या है। उत्तराखंड में भी यह स्थिति कमोवेश बेहद कष्टप्रद है। एक आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में करीब 17हज़ार बच्चे कुपोषित हैं। जिसमें 1600 बच्चे अतिकुपोषित पाए गए हैं। पूर्व की सरकारों में इस दिशा में अपेक्षित प्रयास नहीं हुए या नहीं किए गए , लेकिन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऐसी बेवश माताओं के दर्द को समझा और इसका समाधान भी निकाला। इसके लिए बाकायदा प्रदेशभर में गोद अभियान चलाया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत सरकार के मंत्रियों के साथ ही सचिवालय के कई अधिकारियों ने भी ऐसे अति कुपोषित बच्चों को गोद लिया और ऐसे कुपोषित बच्चों के जरूरी दवाएं और प्रति दिन का पोष्टिक आहार उपलब्ध कराया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशों पर चले गोद अभियान से कुपोषण के शिकार हुए अधिकांश बच्चे आज स्वस्थ्य हो गए हैं और कईयों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। सरकार का यह अभियान आज भी बदस्तूर जारी है। यह कहना मुनासिब होगा कि टूटती सांसों को संभालने की महाभारत में सरकार के ईमानदार प्रयासों की जीत हुई और जिंदगियां फिर से खिलखिलाने लगी हैं। हर कोई बेवश मां अब सीएम त्रिवेंद्र और उनके सहयोगियों को दुआएं दे रही है , जिनके बच्चों को उनकी सहानुभूति से नया जीवन मिला है।