देहरादून: विधानसभा का शीतकालीन सत्र देहरादून में होगा या गैरसैंण में, इसे लेकर संशय के बादल छंट गए हैं। विधानसभा सचिवालय की ओर से शुक्रवार को जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक सत्र चार दिसंबर से देहरादून में ही होगा। इस बार के सत्र को लेकर सियासत गर्माने के आसार बन रहे हैं और विपक्ष देहरादून में सत्र के बजाय गैरसैण में सत्र चाहता है और वह इसे मुद्दा बनाने के मूड में है।
विधानसभा सचिवालय की ओर से पिछले सप्ताह सत्र का प्रस्तावित कार्यक्रम सरकार को भेज दिया गया था। तब से सत्र को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई थी कि यह गैरसैंण में होगा अथवा देहरादून में। इस सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार पर भी तंज कसे हैं। गौरतलब हो कि वर्ष 2014 से प्रति वर्ष गैरसैंण में विस का एक सत्र आयोजित किया जा रहा था। ऐसे में इस साल के अंतिम सत्र के गैरसैंण में होने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे।
हालांकि इस बीच मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कहा था कि सत्र कहां होना है, यह निर्णय सरकार को लेना है। गैरसैंण में इस वर्ष एक भी सत्र न होने के संबंध में पूछे गए सवाल पर उनका कहना था कि विधानसभा में कई वरिष्ठ विधायक हैं, जिनकी आयु काफी है। सत्र के आयोजन में सभी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। कई दिक्कतें भी रहती हैं। पिछली बार का अनुभव अच्छा नहीं था।
वहीं दूसरी ओर, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का कहना था कि सत्र कहां और कब कराना है, ये निर्णय लेना सरकार का काम है। सत्र देहरादून या गैरसैंण कहीं हो, इसके लिए दोनों जगह ही विधानसभा की मुकम्मल तैयारियां हैं।इसी दौरान उनके द्वारा सरकार को निर्देश देने का मामले भी समाचारों की सुर्खियां बना था कि विधानसभा अध्यक्ष सड़क पर खड़े होकर सरकार को निर्देश नहीं दे सकते जबकि पीठ का निर्देश विधानसभा सत्र के दौरान होता है।
हालांकि अधिसूचना जारी होने के बाद अब विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर ऊहापोह खत्म हो गया है। सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र की ओर से शुक्रवार को सत्र की अधिसूचना जारी कर दी गई। यह सत्र चार दिसंबर से देहरादून में होगा। माना जा रहा है कि सत्र 10 दिसंबर तक चलेगा। इस अवधि में सरकार कई विधेयक पेश करने की तैयारी में है तो विपक्ष भी सरकार को घेरने की रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गया है।