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कंबोडिया में बनेगा पांचवां धाम लगेगी 180 फुट की शिवमूर्ति

पांच सौ करोड़ से अधिक की लागत से होगा पूरे धाम का निर्माण  : गुरुजी कुमारन स्वामी 

नई दिल्ली: भगवान शिव की 180 फुट ऊंची मूर्ति के साथ कंबोडिया में पांचवां धाम स्थापित होने जा रहा है। शंकराचार्य द्वारा लगभग 1400 साल पहले द्वारका, बद्रीनाथ, जगन्नाथपुरी और रामेश्वरम में स्थापित चारों धाम भारत में हैं। लेकिन, अब बनने जा रहा पांचवां धाम देश की सीमाओं से दूर होगा। पांचवें धाम बनाने की जरूरत बताते हुए आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि पूर्वी एशिया में सनातन हिन्दू संस्कृति और धर्म के प्रचार-प्रसार में कंबोडिया में बनने जा रहा धाम अहम भूमिका निभाएगा।

मंदिर बनाने वाले ट्रस्ट के प्रमुख व कंबोडिया के ही रहने वाले गुरुजी कुमारन स्वामी ने कहा कि 500 करोड़ से अधिक की लागत से पूरे धाम का निर्माण होगा। इसमें शिव की विशाल मूर्ति के साथ-साथ गणोश और बुद्ध की भी मूर्तियां लगेंगी। ध्यान देने की बात है कि कंबोडिया की 97 फीसद से अधिक आबादी बौद्धों की है।

कुमारन स्वामी के अनुसार यह धाम अंकोरवाट स्थित विश्व के सबसे बड़े विष्णु मंदिर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। उम्मीद की जा रही है कि पूरी दुनिया से अंकोरवाट आने वाले पर्यटक और धर्मयात्री शिव के नए धाम की भी यात्र कर सकेंगे। कुमारन स्वामी ने कहा कि पांचवें धाम की आधारशिला रखी जा चुकी है और पूरी दुनिया से लोग अब इस स्थान की यात्र शुरू करने जा रहे हैं। उनके अनुसार, भारत से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 29 नवंबर को दिल्ली से रवाना होगा।

इंद्रेश कुमार ने कहा कि विदेश में भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रसार के लिए पहली बार एक योजना के तहत काम शुरू हुआ है। कंबोडिया में स्थापित होने जा रहा धाम इसी कड़ी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इसके बाद दुनिया के दूसरे भागों में भी इस तरह के हिन्दू धर्म और संस्कृति जुड़े बड़े केंद्रों की स्थापना की जाएगी। पांचवें धाम के निर्माण के लिए कंबोडिया में बने ट्रस्ट के इंद्रेश कुमार भी सदस्य हैं। ध्यान देने की बात है कि विदेश में मंदिर से संबंधित किसी ट्रस्ट में पहली बार आरएसएस के वरिष्ठ नेता सीधे जुड़े हैं।

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