रुद्रप्रयाग। विश्व विख्यात भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गददीस्थल ऊ खीमठ में शराब की दुकान का विरोध तेज होता जा रहा है। शुक्रवार को जैसे ही सरकार ने जिला मार्ग की घोषणा की, वैसे ही ऊ खीमठ में शराब की दुकान खुल गई, लेकिन महिलाओं के विरोध के आगे शराब की दुकान को बंद करना पड़ा। महिलाएं रातभर दुकान के बाहर प्रदर्शन करती रही। अभी भी महिलाओं का धरना-प्रदर्शन जारी है।
शराब के विरोध में पिछले एक सप्ताह से आंदोलन कर रही महिलाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। महिलाएं अब सरकार के जिला मार्ग घोषित करने के फैसले के विरोध में खुलकर सामने आ गई हैं। शुक्रवार रात केदारनाथ के शीतकालीन गददीस्थल ऊ खीमठ में स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान के बाहर महिलाओं ने रातभर धरना देकर प्रदर्शन किया।
आंदोलित महिलाओं का कहना है कि प्रदेश सरकार युवाओं को बर्बाद करने पर तुली हुई है। युवाओं को शराब के नशे में धकेला जा रही है। लंबे समय से शराब के खिलाफ आंदोलन कर रही महिलाओं की एकता को सरकार तोडऩे की कोशिश कर रही है। सरकार पहाड़ी क्षेत्रों का विकास करने के बजाय विनाश करना चाहती है। युवाओं को रोजगार देने के बजाय नशे की और धकेला जा रहा है। शराब की दुकान खोलने से अच्छा होता कि सरकार यहां रोजगार के साधन उपलब्ध कराती।
शराब के खिलाफ आंदोलन कर रही महिलाओं का कहना है कि सरकार चाहे जो करे, लेकिन शराब के विरोध में आंदोलन जारी रहेगा। यदि उखीमठ में शराब की दुकान खुलती है तो महिलाएं आर-पार की लड़ाई लड़ेंगी। यदि महिलाओं को कमजोर करने की कोशिशें की जाती हैं तो आंदोलन को उग्र किया जायेगा। किसी भी सूरत में हम अपने बच्चों को नहीं बिगडऩे देंगे। ग्रामीण महिला रूपा देवी, सुलेखा त्रिवेदी, दीपा देवी आदि का कहना है कि यदि शराब की दुकानें खोली जाती हैं तो आंदोलन को तेज रूप दिया जायेगा।