CRIME
उत्तराखंड में वन्यजीव तस्कर सक्रिय, हाथी दांत के साथ चार गिरफ्तार
बरामद हाथी दांत को एक करोड़ रुपये में दिल्ली के डीलर को बेचने का तस्करों ने किया था सौदा
पिछले सात महीने से राजाजी पार्क से गायब बाघिन का अभी तक कोई अता पता नहीं
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड में वन्यजीव तस्कर सक्रिय हैं इस बात का प्रमाण तराई के इलाकों से लगतार मिल रहे हाथी दांत सहित तस्करों की गिरफ़्तारी साबित करती है। उत्तराखंड में बीते पांच सालों में अब तक छठे हाथी दांत को तस्करी के दौरान पकड़ा गया है। वहीं ऊधमसिंह नगर में हाथी दांत का यह दूसरा मामला सामने आया है। काशीपुर के बाद रुद्रपुर में हठी दांत के साथ मिले तस्करों की गिरफ्तारी से यह भी साबित होता है कि ये तस्कर सूबे के जंगलों में घात लगाकर वन्य जीवों की जान से खेलकर उनके अंगों की तस्करी कर रहे हैं और वन्य जीव विभाग अभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है। हालांकि इस सबके बीच अभी तक पिछले सात महीने से राजाजी पार्क से गायब बाघिन का अभी तक कोई अता पता नहीं है और न ही सूबे का वन्य जीव महकमे ने उसकी कोई सुध लेने के बजाय उसे वह भुला ही चुका है।
गौरतलब हो कि एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने मुखबिर की सूचना पर मंगलवार को हाथी दांत के साथ चार तस्करों को दबोच लिया। वहीं तस्करों के दूसरे हाथी दांत के साथ पकड़े जाने से ऊधमसिंह नगर में तस्करी के किसी नए गिरोह के होने की आशंका बढ़ गई है। इससे पहले बीते दिनों हाथी दांत के साथ एसटीएफ की टीम ने चार तस्करों को काशीपुर से पकड़ा था। इसके बाद चारों तस्करों की निशानदेही पर हाथी का सड़ा गला शव वन विभाग की टीम ने बरामद किया था। हाथी के पोस्टमार्टम के दौरान देखा गया कि हाथी का दूसरा दांत भी कुल्हाड़ी से काटा गया है। इसके बाद टीम ने मुखबिरों को सक्रिय कर हाथी के दूसरे दांत की तलाश शुरू कर दी थी।
उत्तराखंड के एसटीएफ के अधिकारियों का दावा है कि मंगलवार को तस्करों से बरामद हाथी दांत भी पीपलपड़ाव वाले हाथी का है। हालांकि एसटीएफ ने दांत को वन विभाग के अधिकारियों को सौंप दिया है और वन विभाग ने चारों आरोपियों को भी हिरासत में लेकर जानकारी लेना शुरू कर दिया है। बीते दो माह पूर्व वनविभाग की लापरवाही से पीपलपड़ाव रेंज में हाथी दांत की तस्करी हुई थी। इसे लेकर एसटीएफ और वनविभाग की टीम ने मुखबिरों और खुफिया विभाग को सक्रिय कर दिया था।