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भाजपा को आखिर क्यों उतारने पड़ रहे अपने केंद्रीय नेता

हरीश के चेहरे के सामने बौने पड़ने के बाद  भाजपा के केंद्रीय नेता मैदान में 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
bjpदेहरादून : हरीश रावत के चेहरे के सामने सूबे के नेताओं के चेहरे फीके पड़ने के बाद भाजपा को अब परिवर्तन यात्रा के माध्यम से सूबे में अपने केंद्रीय नेताओं को उतारना पड़ रहा है। पूर्व  मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी, रमेश पोखरियाल निशंक के रहते और पूर्व केंद्रीय सतपाल महाराज, विजय बहुगुणा और डॉ. हरक सिंह रावत सरीखे दिग्गज नेताओं के कुनबे में शामिल होने के बाद गढ़वाल में भाजपा को काफी मजबूत माना जा रहा था। लेकिन परिवर्तन यात्रा के बहाने जिस तरह से समूचे गढ़वाल में केंद्रीय मंत्रियों को झोंका जा रहा है, उससे यही माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व के सामने आज भी हरीश रावत इन सब चेहरों पर भारी हैं यही कारण है कि भाजपा को अपने इन नेताओं से ज्यादा इन केंद्रीय नेताओं पर भरोसा है। गढ़वाल मंडल में 12 दिसंबर तक केंद्रीय नेताओं का गढ़वाल में लगने वाला जमावड़ा साफ करता है कि भाजपा रणनीतिक लिहाज से आज भी हरीश रावत के सामने अपने नेताओं के कद को बौना मानकर चल रही है।
गौरतलब हो कि परिवर्तन यात्रा के माध्यम से  चुनावी शंखनाद कर चुकी भाजपा कुमाऊं के मुकाबले गढ़वाल में अधिक ताकत झोंक रही है। गढ़वाल में भाजपा के पास पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी, रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा, सतपाल महाराज और हरक सिंह जैसे  ‘हेवीवेट’ नेता होने के बावजूद केंद्रीय नेताओं को भी यहीं उतार रही है। सियासी रणनीतिकार भाजपा के लिए कुमाऊं को कमजोर कड़ी मान रहे थे, लेकिन वहां अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह  की अल्मोड़ा रैली में  अपेक्षित जनता के न आने से भाजपा के चेहरे पर शिकन साफ़ दिखाई दे रही है , सूबे के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एक ओर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अल्मोड़ा रैली की भीड़ तो दूसरी तरफ उत्तराखंड के एक अदने से मुख्यमंत्री की चकराता जैसे जनजातीय इलाके में उमडे जन सैलाब ने भाजपा को परेशान कर दिया है।

जानकारों के अनुसार गढ़वाल में कांग्रेस के खाते में तीन अहम मुद्दे केदारनाथ पुनर्निर्माण, चारधाम यात्रा और गैरसैंण विधान भवन का निर्माण है। तीनों मुद्दों पर भले ही भाजपा भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर निशाना साधती रही है, लेकिन चुनाव में कांग्रेस इनका लाभ लेने से रोकने के लिए उसने अब पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस से आए नेताओं विजय बहुगुणा और हरक सिंह का इस्तेमाल करने के साथ पार्टी दिग्गज बीसी खंडूड़ी और निशंक को यहीं का जिम्मा दिया है, लेकिन इन सबके बावजूद अब केंद्रीय मंत्रियों की टीम गढ़वाल में बुलाई जा रही है।

पार्टी नेताओं के अनुसार केंद्रीय मंत्रियों उमा भारती, सुरेश प्रभु, मनोहर परिकर, राधा मोहन, राजनाथ सिंह जैसे हेवीवेट नेता रणनीतिक लिहाज से उतारे जा रहे हैं। उमा भारती यहां आकर गंगा, चारधाम और केदारनाथ जैसे मुद्दों पर घोषणाएं करने के साथ रावत सरकार पर हमला करेंगी। कुमाऊं के मुकाबले गढ़वाल में फौजियों की खासी तादाद को देखते हुए रक्षा मंत्री मनोहर परिकर का दौरा भी तय हो चुका है। लेकिन ओआरओपी पर अभी भी भाजपा बैक पुट पर नज़र आ रही है ऐसे में ये नेता सूबे में पूर्व फौजियों को क्या झुनझुना पकड़ायेंगे जब देशभर में वह इस पर औंधे मुंह गिरी है।

इसके अलावा हरिद्वार में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह की जनसभाएं निर्धारित कर दी गई हैं। उधर, कुमाऊं में भाजपा ने थावर सिंह गहलोत की जनसभा से यात्रा को आरंभ करवा दो जनसभाएं राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की हैं, लेकिन कुमाऊं की तुलना में भाजपा का गढ़वाल पर ज्यादा फोकस है।

सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी सांसद और रेल मंत्री सुरेश प्रभु दिल्ली से 24 नवंबर को सीधे गैरसैंण पहुंचेंगे। गैरसेण में रेल मंत्री उत्तराखंड से संबंधित कई योजनाओं का शिलान्यास एवं शुभारंभ करेंगे। डबलिंग ऑफ  हरिद्वार लक्सर सेक्शन, देहरादून रेलवे स्टेशन पर 2 लिफ्टस एवं 2 एलिवेटर्स, हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर 4 लिफ्टस एवं 6 एलिवेटर्स, लालकुंआ में मशीन लाउंड्री एवं सेकेंड कोच मेंटेनेंस पिट का शिलान्यास करेंगे।

वहीँ  सुरेश प्रभु काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के विश्राम के लिये 5 बेस शेल्टर्स एवं कोच इंडिकेशन बोर्ड सभी तीनों प्लेटफार्म,  काशीपुर रेलवे स्टेशन के प्राइवेट भाड़ा टर्मिनल, हेमपुर इस्माइल पर नया तीन लाइन स्टेशन, हल्द्वानी स्टेशन पर विश्राम के लिये शेल्टर एवं तीनों प्लेटफार्म पर कोच इंडिकेटर बोर्ड, रुद्रपुर सिटी स्टेशन पर यात्री वेटिंग रूम, लालकुआं स्टेशन पर यात्रियों के विश्राम के लिये 1 पीपी शेल्टर। गैरसैंण में दोपहर 1.30 बजे रेल मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी जनसभा करेंगे।

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