UTTARAKHAND
जब रेडियो कॉलर हाथी तक मर रहे हैं तो सामान्य हाथियों की मौत का कौन होगा जिम्मेदार

उत्तराखंड में वर्ष 2020 में अब तक हो चुकी है 22 हाथियों की मौत
रेल और करंट से मरने वाले हाथियों की संख्या अधिक
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
हाथियों की मौतों को लेकर सरकार गंभीर :वन मंत्री , डॉ. रावत
हाथियों की मौतों को लेकर सरकार गंभीर है और कुछ मामलों की जांच भी बैठायी गई है। इसके अलावा कुछ मामलों में हादसों के कारणों को रोकने के उपाय किए जा रहे हैं। ट्रांसफार्मर और बिजली लाइनों की ऊंचाई बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा रेलवे ट्रैकों के किनारे हाथियों को रोकने के कई उपाय हो रहे हैं और एलिफेंट कॉरिडोर पर ओवरहेड पुलों का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है, ताकि हाथियों के आवागमन में कोई बाधा न आए।

लेकिन इसके बाद भी वन्य जीव विभाग की ओर से कोई ठोस कदम इन हादसों को रोकने के लिए नहीं किए जा रहे। इसे लेकर तमाम संस्थाएं और पर्यावरण प्रेमी चिंतित हैं। उनका कहना है कि हाथियों की मौतें रोकने के बजाए सरकार ने उनके लिए आरक्षित एलिफेंट रिजर्व ही खत्म करने का जो फैसला लिया है भी गलत है, इससे हाथियों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा है वे इसका पूरी तरह विरोध करेंगे। जबकि मैड संस्था ने तो एलिफेंट रिजर्व खत्म करने के खिलाफ केंद्र में शिकायत और कानूनी लड़ाई लड़ने की बात तक कही है।उनका कहना है सरकार अपनी सहूलियत के हिसाब से अभी किसी क्षेत्र को एलिफेंट रिजर्व आरक्षित कर देती है तो कभी उसे हटा देती है जो राज्य हिट में नहीं है.


