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इस्लामिक स्टेटऑफ़ इराक एंड सीरिया- एक थ्रेट” विषय पर वेबिनार आयोजित
भारत मे लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की मजबूत जड़ें हैं और यह आई.एस.आई.एस. एजेंडा के लिए है परेशानी
इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया है इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड दी लीवेंट
जो एक जिहादी संगठन है, जो कि इराक और सीरिया में इस्लाम के नाम पर फैलाता है हिंसा
तरन्नुम अतहर
नोएडा: इस्लामिक स्टेटऑफ़ इराक एंड सीरिया – एक थ्रेट” विषय पर वेबिनार सीरीज का आयोजन नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ लॉ एंड लीगलअफेयर्स ने किया। इस वेबिनार सीरीज की अतिथि वक्ता पूर्व राजनयिक सुषमा गांगुली थॉमस ने आधुनिक आतंकवाद विशेषकर “इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया” से सम्बंधित संगठन की गतिविधियों एवं उनके क्रिया कलापों के विषय में विस्तार से प्रकाश डाला। वेबिनार के प्रारम्भ में सर्वप्रथम कुलपति प्रोफसर डॉक्टर जयानंद ने अतिथि वक्ता पूर्व राजनयिक सुषमा गांगुली थॉमस का स्वागत किया। वेबिनार का आरंभ बैद्यनाथ मुखर्जी द्वारा एक स्वागत नोट के साथ किया गया, तदुपरांत अतिथि वक्ता पूर्व राजनयिक सुषमा गांगुली थॉमस ने “इस्लामिक स्टेटऑफ़ इराक एंड सीरिया – एक थ्रेट”विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित किया I
उन्होंने बताया कि सीरिया और इराक में सक्रिय आतंकवादी संगठन आई.एस.आई.एस (ISIS) पूरी दुनिया के लिए बड़े खतरे के रूप में उभरा है। इसके खौफनाक इरादों पर यदि समय रहते दुनिया नहीं चेती तो इंसानियत के दुश्मन इस संगठन की ताकत और बढ़ जाएगी। दुर्भाग्य से इसके खिलाफ लड़ाई को लेकर अमेरिका और रूस में मतभेद हैं। आई.एस.आई.एस एक शक्तिशाली आतंकवादी समूह है जिसने मध्य पूर्व के बड़े क्षेत्रों पर नियंत्रण हासिल कर लिया है। नागरिकों पर क्रूर हिंसा और जानलेवा हमले के लिए बदनाम इस स्व-वर्णित ख़लीफ़ा ने अनमोल स्मारकों, प्राचीन मंदिरों और अन्य इमारतों को नष्ट करने और प्राचीन स्मारकों को नष्ट करने के अलावा, दुनिया भर में सैकड़ों आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली है।
उन्होंने आगे कहा कि इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया को इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड दी लीवेंट भी कहते हैं। यह एक जिहादी संगठन है, जो कि इराक और सीरिया में इस्लाम के नाम पर हिंसा फैलाता है। आई.एस.आई.एस. को दुनिया भर में हिंसा की जघन्य वारदातों को अंजाम देने के लिए पहचाना जाता है, जिसमें सार्वजनिक फांसी, बलात्कार, हत्या और सूली पर चढ़ना शामिल है। समूह ने क्रूर हत्याओं की वीडियो टैपिंग और उन्हें ऑनला इन प्रदर्शित करने की नापाक प्रतिष्ठा अर्जित की है।
अपने व्याख्यान में उन्होंने आगे कहा कि आई.एस.आई.एस. को दुनिया का सबसे अमीर आतंकवादी संगठन कहा गया है। जब कि अनुमानों में भिन्नता है, इस समूह को केवल 2014 में $ 2 बिलियन का बताया गया था। ISIS का ज्यादातर पैसा बैंकों, तेल रिफाइनरियों और अन्य क्षेत्रों में मौजूद संपत्ति पर नियंत्रण रखने से आया है।
इस समूह ने अपहरणकर्ताओं, करों, जबरन वसूली, चोरी की कलाकृतियों, दान, लूटपाट और विदेशी लड़ाकों से इस के खजाने को भरने के लिए अपहरण का भी इस्तेमाल किया है। आतंकवाद हिंसा का एक गैर-कानूनी तरीका है जो लोगों को डराने के लिये आतंकवादियों द्वारा प्रयोग किया जाता है। आज, आतंकवाद एक सामाजिक मुद्दा बन चुका है। इसका इस्तेमाल आम लोगों और सरकार को डराने-धमकाने के लिये हो रहा है।
भारत ढ़ेर सारी चुनौतियों का सामना कर रहा है जैसे गरीबी, जनसंख्या वृद्धि, निरक्षरता, असमानता आदि बहुत कुछ, फिर भी आतंकवाद इन सबसे ज्यादा खतरनाक है जो पूरी मानवजाति को प्रभावित कर रहा है। ये बहुत ही डरावनी बीमारी है जो लोगों को मानसिक और बौद्धिक स्तर पर प्रभावित कर रही है। चाहे ये छोटे देशों में होता हो (आयरलैंड, इज़रायल आदि) या बड़े देशों (यूएसए, रुस, भारत आदि) में; ये दोनों ही जगह चुनौती के रुप में है। अपने कुछ राजनीतिक, धार्मिक या व्यक्तिगत लक्ष्य की प्राप्ति के लिये आतंकवादी समूह हिंसात्मक तरीकों का प्रयोग कर के आतंकवाद को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद का कोई नियम कानून नहीं होता वो केवल अपनी माँगों को पूरा करने के लिये सरकार के ऊपर दबाव बनाने के साथ ही आतंक को हर जगह फैलाने के लिये निर्दोष लोगों के समूह या समाज पर हमला करते हैं। उनकी माँगे बेहद खास होती हो,जो वो चाहते हैं केवल उसी को पूरा कराना चाहते हैं। यह मानव जाति के लिये एक बड़ा खतरा है। वो कभी-भीअपने दोस्त, परिवार, बच्चे, महिलाएं बूढ़े लोगों के लिये समझौता नहीं करते हैं। वो केवल लोगों की भीड़ पर बम गिराना चाहते हैं। वो लोगों पर गोलियाँ चलाते हैं, विमानों का अपहरण करते हैं और दूसरी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
भारत मे लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की मजबूत जड़ें हैं और यह आई.एस.आई.एस. एजेंडा के लिए परेशानी पैदा करता है। लेकिन जैसा कि आई.एस.आई.एस. के तौर-तरीकों से ऊपर सुझाया गया है, स्थानीय आतंकवादियों के समूहों के साथ कट्टरता और विलय के विभिन्न आकार में आ सकता है। इसलिए, भारत को घर में पैदा हुए आतंकवाद और कट्टरता को जड़ से उखाड़ने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। आतंकवाद का कोई नियम कानून नहीं होता वो केवल अपनी माँगों को पूरा करने के लिये सरकार के ऊपर दबाव बनाने के साथ ही आतंक को हर जगह फैलाने के लिये निर्दोष लोगों के समूह या समाज पर हमला करते हैं।
कार्यक्रम के अंत में वेबिनार के संयोजक डॉ. परंतप दास, एचओडी, स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल अफेयर्स, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी एवं बैद्यनाथ मुखर्जी सहित मिस सौमि चटर्जी – असिस्टेंट प्रोफेसर – स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल अफेयर्स, एन.आई.यू सहित अनेक वक्ताओं ने विचार रखे ।