UTTARAKHAND

प्रधानमंत्री मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को हम सबको मिलकर करना है पूरा : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री ने किया विधानसभा क्षेत्र भगवानपुर की वर्चुअल रैली को संबोधित 

हरिद्वार विश्व भर में आस्था का केन्द्र रहा है : मुख्यमंत्री 

भारत अपनी एक इंच जमीन चीन को नहीं लेने देगा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास से विधानसभा क्षेत्र भगवानपुर की वर्चुअल रैली को संबोधित किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हरिद्वार विश्व भर में आस्था का केन्द्र रहा है। धार्मिक दृष्टि से हरिद्वार का विशेष महत्व है। उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद हरिद्वार औद्योगिक क्षेत्र के रूप में उभरा है। कोविड-19 के दृष्टिगत सम्पूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।  प्रधानमंत्री जी ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की है। जिससे समाज के हर वर्ग को विकास की विभिन्न योजनाओं एवं अंत्योदय कि भावना निहित है। प्रधानमंत्री जी ने डिजिटल इंडिया की जो शुरुआत की, उससे कार्यों में पारदर्शिता के साथ ही तेजी भी आयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक व्यक्ति को 05 लाख तक के इलाज की सुविधा प्रदान की गई है। हरिद्वार जनपद में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत 2 लाख 68 हजार लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बने हैं। इस योजना के तहत जनपद में 29 हजार 800 लोगों ने अपना इलाज कराया है। जिसमें 32 करोड़ 88 लाख रुपए की धनराशि खर्च हुई। इकबालपुर सुगर मिल को 36 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान किया। इस मिल से 22 हजार किसान जुड़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड लौटे प्रवासियों के साथ ही अन्य युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिये मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई। इसमें 150 कार्यों को शामिल किया गया है। हमें वर्तमान की विपरीत परिस्थितियों को अवसर में बदलना होगा। यह आत्म निर्भर भारत की दिशा में हमारा योगदान होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य के विकास के लिये तैयार किये दृष्टिपत्र (घोषणा पत्र) की 85 प्रतिशत घोषणायें पूर्ण कर दी हैं। कृषि एवं खेती को बढ़ावा देने, किसानों की आर्थिकी की मजबूती हेतु कृषक समूहों को शून्य दर पर ऋण उपलब्ध कराया गया है। गन्ना किसानों को भी बकाया भुगतान की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सफल मार्ग दर्शन में हम कोरोना महामारी की गति को रोकने में सफल हुए है।, इसमें आम आदमी का भी बड़ा योगदान है। प्रदेश में कोरोना के मरीजों का रिकवरी रेट 62 प्रतिशत है। कोविड – 19 के दृष्टिगत प्रदेश में 2.40 लाख प्रवासी राज्य में वापस लौटे हैं, जबकि 90 हजार लोग प्रदेश से वापस अपने राज्यों में गये हैं। उन्होंने कहा कि हमारा यह भरसक प्रयास रहा है कि प्रत्येक उत्तराखण्ड वासी जो इस आपदा के समय अपने घर आना चाहता है इसे हम वापस लायेंगे, इसके लिये 20 से अधिक ट्रेनें चलायी गई। एक करोड़ रूपये रेलवे को अग्रिम भुगतान किया गया।
हाल ही में चीनी घुसपैठ का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड की 345 कि.मी सीमा चीन से मिलती है। सीमान्त क्षेत्रों तक सड़कों का जाल बिछाया गया है। पिछले 17 सालों से लम्बित नैलांग व लिपूलेख सड़क निर्माण में तेजी आई है। सीमान्त क्षेत्रों तक सड़क पहुंचने से स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा। यह देश की सुरक्षा का भी मार्ग है। उन्होंने चीन को साम्यवादी एवं विस्तारवादी देश बताते हुए कहा कि इसकी सोच भी क्रूर है। विश्वास घात इसके रक्त में है। मानवता को आघात पहुंचाने वाली विचारधारा है। हम पंचशील के सिद्धांत पर चलें। लेकिन चीन ने 1962 में हम पर हमला कर हमारी 36 हजार वर्ग कि.मी. जमीन पर कब्जा कर लिया। हम विस्तारवारी नीति के पक्ष में कभी नहीं रहे। गलवान घाटी की घटना के बाद अब चीन स्वीकार कर रहा है कि उसका एक कमाण्डर और सैनिक मारे गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन को यह समझना होगा कि आज का भारत 1962 का नहीं 2020 का भारत है। हमारे सैनिकों की आत्म शक्ति मजबूत है। भारत अपनी एक इंच जमीन चीन को नहीं लेने देगा।

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