PERSONALITY
उत्तराखण्ड को ”गाँधीवादी दृष्टि” देने वाली ‘’सरला बहन’’ का आज है जन्म दिवस



आज गाँधी जी की प्रिय शिष्या सरला बहन का जन्म दिवस है। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता, मानवीय मूल्यों को बनाने, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, शराबबंदी, महिला शिक्षा, कमतरों को आगे बढ़ाने और पहाड़ों की सेवा में अर्पण कर दिया था। उनको यह नाम बापू ने दिया था। उनका नाम ‘कैथरीन मेरी हाईलामन’ था। इनके पूर्वज स्विस जर्मन थे। वह 1932 में हिंदुस्तान आ गई थीं और उदयपुर में ‘विद्या भवन’ नाम की शिक्षण संस्था में काम करने लगी। इन्होने 3-4 महीनों में ही हिंदी पढना-लिखना सीख लिया। बाद में वह अनुसुईया बहन के साथ गाँधी जी के पास सेवा ग्राम, वर्धा चली गई। वहीँ से वह सरला बहन नाम से जानी गईं। वंहा वह कई साल ‘तालीम संघ’ में रहीं।
हम गाँधी को मानते हैं पर उत्तराखंड में इन दो महान महिलाओं ने ही सर्वोदय विचार और गाँधी चिंतन को अपने आचरण में उतार कर आम आदमी तक फैलाया। भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान उन्होंने जेल में बंद सेनानियों के परिवारों की देखभाल की। सरकार ने इस वजह से उनको जेल भी भेजा पर वह उनको दबा न सकी।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.