UTTARAKHAND

“घर चलो” अभियान ने दी फंसे हुए प्रवासी उत्तराखंडियों के चेहरे पर खुशी, बोले थैंक यू सर

सभी फंसे हुए प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाऐंगे लेकिन रखें संकट की घड़ी में सभी धैर्य : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र 

परिवहन मंत्री यशपाल आर्य के प्रयासों की भी लोग कर रहे हैं सराहना 

https://youtu.be/q97vXOIQDA8

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

प्रवासियों की स्टेट्स रिपोर्ट :-

18156 प्रवासियों की सकुशल घरवापसी हुई
4080 प्रवासियों को राज्य से बाहर भेजा गया
1.76 लाख प्रवासियों ने कराया है पंजीकरण
7890 प्रवासी हरियाणा राज्य से लाए गए
4,701 प्रवासियों की वापसी चंडीगढ़ से हुई
2,237 प्रवासी उत्तरप्रदेश से लाए गए
2069 प्रवासी राजस्थान से राज्य में लाए गए
252 दिल्ली, 227 पंजाब, 197 गुजरात से लाए
78 प्रवासियों की वापसी अन्य राज्यों से हुई

देहरादून : लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे प्रवासियों के लिए शुरू किया अभियान “घर चलो” लाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसी क्रम में आज गुरूग्राम से हजारों फंसे प्रवासियों को वापस उत्तराखंड लाया जा रहा है। प्रदेश सरकार के प्रयासों से फंसे हुए लोगों की घर वापसी हो रही है। करीब 1.70 लाख प्रवासियों ने सरकार द्वारा दी गई वेबसाइट पर रजिस्टे्रशन कराया है। जिसके बाद सरकार ने उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने का वादा किया। आज गुरूग्राम से कुमाऊं क्षेत्र के सैकड़ों प्रवासियों को लेकर बसें उत्तराखंड के लिए रवाना हो चुकी है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सभी फंसे हुए प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाया जायेगा। इस संकट की घड़ी में सभी धैर्य रखे। सरकार आपके साथ है। सरकार हर फंसे हुए प्रवासी को उनके परिजनों तक पहुंचायेगी। वही प्रदेश के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य के प्रयासों की लोग सराहना कर रहे हैं। गुरूवार को भी सैकड़ों लोगों को लेकर बसें हल्द्वानी के गौलापार स्टेडियम पहुंची, जहां से युवाओं की स्कैनिंग और मेडिकल परीक्षण कर उन्हें कुमाऊं भर के जिलों के लिए रवाना कर दिया गया।
राज्य सरकार प्रवासियों को निशुल्क बसों में लाने के साथ-साथ उनके खाने-पीने की भी व्यवस्था कर रही है। आज बस में बैठने के बाद युवाओं ने कहा कि उनसे किसी तरह के टिकट और खाने का पैसा नहीं वसूला गया है। सरकार द्वारा उनकी घर वापसी को लगाई गई बसों की युवाओं को प्रशंसा की। बसों में बैठने के बाद युवाओं के चेहरे पर मुस्कान नजर आयी।

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