Uttarakhand

शराब के विरोध में उतरी उत्तराखंड की महिलायें

उत्तराखंड में 526 में केवल 80 शराब की दुकानें ही खुल पायी 

शराब की दुकानों में तोडफ़ोड़, विरोध में महिलाओं का अनशन

लाठी दिखाकर बोली महिलाएं, गांव में शराब का ठेका खोला तो छोड़ेंगे नहीं

देहरादून। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड में हाईवे पर शराब की दुकानें बंद हो गई हैं, लेकिन इन्हें आबादी क्षेत्र में शिफ्ट करने का विरोध जोरशोर से हो रहा है। इस वजह से दुकानें शिफ्ट नहीं हो पा रही हैं। स्थिति यह है कि पूरे उत्तराखंड में 526 में केवल 80 शराब की दुकानें ही खुल पा रही हैं। शराब ठेकों के विरोध में महिलाओं ने मोर्चा संभाला हुआ है। मंगलवार को महिलाओं ने कई जगह शराब की दुकानों में घुसकर तोड़तोड़ की। जबरन दुकानें शिफ्ट करने के खिलाफ महिलाओं ने अनशन भी शुरू कर दिया है।
ऋषिकेश
ऋ षिकेश के समीप रानीपोखरी में देसी और अंग्रेजी शराब की दुकानों को शांतिनगर में शिफ्ट किया गया है। इसके विरोध में महिलाओं ने धरना शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में महिलाओं ने शांतिनगर में शराब ठेके का विरोध किया। वहीं रायवाला, लालतप्पड़ और डोईवाला में भी महिलाओं ने मोर्चा खोल रखा है। रायवाला के प्रतीतनगर में महिलाएं दिनरात धरना दे रही हैं।
उत्तरकाशी
उत्तरकाशी के जोशियाड़ा में शिफ्ट की गई शराब की दुकान का ग्रामीण कड़ा विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि आबकारी विभाग ने जिस स्थान पर नई दुकान खोली है, वह मानकों के विपरित है। मंगलवार को जोशियाड़ा के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मुलाकात की। ग्रामीणों ने नई जगह से शराब का ठेका शिफ्ट नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
श्रीनगर गढ़वाल
श्रीनगर में नए बस अड्डा स्थित गोतीर्थाश्रम के समीप अंग्रेजी शराब की दुकान खोले जाने को लेकर गोतीर्थाश्रम समिति, गंगा आरती समिति और स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध जताया है। लोगों ने कहा कि जहां पर अब शराब की दुकान खोले जाने की योजना है, उसके निकट गोतीर्थाश्रम, अल्केश्वर मंदिर, शनिदेव मंदिर सहित कान्वेंट स्कूल व चिल्ड्रन एकेडमी स्कूल स्थित हैं।
ऊखीमठ
ऊखीमठ में शराब की दुकान को कस्बे के नजदीकी शिफ्ट होने के विरोध को लेकर महिलाओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को ऊखीमठ में महिलाओं ने पंचगाई शराब विरोधी संगठन के बैनर तले तहसील परिसर में क्रमिक अनशन भी शुरू कर दिया है। बीते पांच दिनों से ऊखीमठ में महिलाएं शराब के खिलाफ लामबंद हैं। सुबह से लेकर रात तक दुकान न खुलने के लिए विरोध जारी है। रात में भी महिलाएं धरना स्थल पर डटी है जबकि रतजगा कर रही हैं।
रुद्रप्रयाग
घोलतीर में मंगलवार को स्थानीय महिलाओं ने शराब की दुकान के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। पहले प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध जताया और बाद में महिलाओं ने दुकान में घुसकर शराब और बीयर की पेटियां बाहर फेंक दी। महिलाओं ने कहा कि बस्ती में शराब की दुकान किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सोमवार रात घोतलीर में बंद पड़ी दुकान को घोतलीर के मुख्य कस्बे की तरफ शिफ्ट कर दिया गया। जैसे ही महिलाओं को मंगलवार सुबह दुकान खुलने की भनक लगी तो घोलतीर, मवाड़ा, मरोड़ा, कोठगी और घोलतीर चोपता की महिलाएं एकजुट होकर मौके पर पहुंचीं।

महिलाएं रात भर सडक़ों पर धरना दे रही हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की और से महिलाओं की कोई सुध नहीं ली जा रही है। आखिर महिलाएं धरना क्यों दे रही हैं, इस बात की भी जानने की कोशिश नहीं की जा रही है। ऐसे में महिलाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है। इस सबको देखकर तो यही लग रहा है कि प्रशासन महिलाओं के कमजोर होने के बाद दुकान खोलना चाहता है, लेकिन इस बार महिलाओं ने भी ठान लिया है, चाहे उन्हें आत्महत्या करनी पड़े, लेकिन वह किसी भी हाल में शराब की दुकान नहीं खोलने देंगी।

जिले में शराब विरोधी आंदोलन ने जोर पकड़ दिया है। जिले में स्थित नौ अंग्रेजी शराब की दुकानों का जमकर विरोध हो रहा है। कोई दुकान ऐसी नहीं हैं, जिस दुकान के बाहर महिलाएं धरना न दे रही हैं। इतना ही नहीं ऊ खीमठ में स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान के विरोध में महिलाएं रात-दिन धरना दे रही हैं। क्षेत्र की महिलाएं सांय के समय एकत्रित होकर रातभर सडक़ पर तीन दिनों से धरना देती आ रही हैं, लेकिन प्रशासन महिलाओं से वार्ता करने के लिये नहीं पहुंच रहा है। महिलाओं के आंदोलन को अब पुरूषों का साथ भी मिलने लगा है। जगह-जगह पुरूष भी अब शराब विरोधी आंदोलन में कूद पड़े हैं।

शराब विरोधी आंदोलन को देखकर अब प्रशासन के पैर भी फूलने लगे हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन महिलाओं की सुध लेने नहीं पहुंच रहा है। जहां भी आबकारी विभाग की और से हाईवे से दूर जगह चयनित की जा रही है, वहां भी महिलाएं भारी संख्या में पहुंचकर विरोध कर रही हैं। प्रशासन महिलाओं से समझौता करने के बजाय उनकी मजबूरी का फायदा उठा रहा है। अच्छा होता कि प्रशासन आंदोलित महिलाओं से वार्ता करता, जिसके बाद महिलाओं को घर-बार छोडक़र रात के समय सडक़ों पर धरना न देना पड़ता।

आंदोलित महिलाओं का भी कहना है कि प्रशासन सहयोग करे या न करे, लेकिन शराब विरोधी आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक शराब पर पूर्णत: रोक नहीं लगाई जायेगी। महिलाओं का कहना है कि किसी भी हाल में शराब की दुकान नहीं खुलने दी जायेगी। यदि प्रशासन जबरन शराब की दुकानें खोलता है तो महिलाओं भूखहड़ताल शुरू कर देंगी। वहीं जिला आबकारी अधिकारी ओंकार सिंह का कहना है कि महिलाओं से वार्ता करने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन महिलाएं मामने को तैयार नहीं हैं। फिर भी महिलाओं को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।

टिहरी
टिहरी जिले में शराब की दुकानों के शिफ्टिंग का विरोध बढ़ता जा रहा है। आक्रोशित ग्रामीण अब सडक़ पर उतरने लगे हैं। चंबा बाजार स्थित शराब की दुकान को पुरानी टिहरी रोड पर खोलने से खफा स्थानीय लोगों ने सडक़ पर एक घंटे तक जाम लगाकर दुकान पर ताला जड़ा की। धनोल्टी और पीपलडाली में भी ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर दुकान शिफ्टिंग का विरोध किया। धनोल्टी में गोट गांव के पास वाहन से शराब बेचने की भनक लगने पर क्षेत्र के ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया।
हरिद्वार
पथरी क्षेत्र के गांव में शराब की दुकान को आबादी क्षेत्र से हटाने की मांग कर रहे ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। शराब की दुकान के नजदीक दो स्कूल भी संचालित है। ग्रामीणों में रामकुमार, दिवेश कुमार, रोहन कुमार, राजीव कुमार, पाल सिंह, सुन्दर आदि का कहना है कि पथरी रेलवे स्टेशन के निकट शराब की दुकान है। जिसके चारों ओर आबादी क्षेत्र है। और दुकान के दोनों और दो स्कूल है। जो शराब की दुकान से मात्र सौ मीटर की दूरी पर है। उनका कहना है कि अगर आबादी से जल्द शराब की दुकान को नहीं हटाया गया तो धरना प्रदर्शन को मजबूर होंगे। आबकारी अधिकारी एनआर जोशी ने बताया ग्रामीणों की शिकायत मिली है। शराब की दुकान आबादी के करीब है। मामले की जांच कार्रवाई जा रही है।
चमोली
शराब के खिलाफ महिलाओं के आंदोलन के प्रभाव और डर के कारण जिले में शराब की छह दुकानें पिछले चार दिनों से बंद पड़ी हैं। शराब के खिलाफ आंदोलन को देखते हुए प्रशासन और शराब कारोबारी मौके की नजाकत को देखते हुए दुकान खोलने से कतराने लगे हैं। दूसरी तरफ महिलाओं का कहना है कि वे किसी भी हालत में शराब नहीं बिकने देंगी। कहा कि सडक़ से शराब की दुकान हटाकर बस्ती में दुकान खोलने का आदेश अव्यवहारिक है। चमोली जिले में शराब की शराब की 15 दुकानें हैं। इनमें 12 दुकानें राष्ट्रीय मार्ग से लगी है। जिला आबकारी अधिकारी हरीश चंद्र ने बताया कि गोपेश्वर, मेहलचौरी, पोखरी, गौचर, नारायणबगड़ की शराब की दुकानें फिलहाल बंद पड़ी हैं।

गरुड़ में शराब की दुकान के खिलाफ सडक़ों पर उतरी महिलाएं

बागेश्वर। गरुड़ क्षेत्र के बिमोला, पचना गांव में शराब की दुकान खुलने की भनक लगते ही ग्रामीण महिलाओं ने पिछले एक घंटे से हाइवे जाम किया है। जिसके चलते कौसानी बागेश्वर राजमार्ग में वाहनों की लम्बी कतार लगी हुई है। महिलाएं क्षेत्र में पूर्ण शराब बन्दी की मांग पर अड़ी हुई हैं।

उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि क्षेत्र में शराब की दुकान को खोला गया तो वह उग्र आंदोलन को मजबूर होंगी। क्षेत्र में किसी भी हालत में शराब की दुकान को नहीं खुलने दिया जाएगा। क्षेत्र की महिलाओं को एकजुट कर आंदोलन को और अधिक तेज किया जाएगा। इस दौरान यदि कोई हानि होती है तो उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार रहेगा।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »