जब मंत्री से डी एम ने कहा पसंद नहीं तो तबादला करवा दो
मेरे पति के खिलाफ दर्ज मुकदमे का क्या हुआ !
अल्मोड़ा। ऊधमसिंह नगर में विधायक समर्थकों को एसएसपी के कार्यालय से बाहर किए जाने का मामला ठंडा पड़ा ही था कि अब डीएम अल्मोड़ा सुर्खियों में हैं। सर्किट हाउस में विभागीय समीक्षा बैठक से पहले ही महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्या व डीएम सवित बसंल की बातचीत में तल्खी चर्चा में रही।
हुआ यूं कि सर्किट हाउस में राज्यमंत्री रेखा आर्या विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेने पहुंची। इससे पहले ही उन्होंने डीएम सविन बंसल से कुछ मामलों में आपत्ति जताई। बोली- डीएम साहब जनशिकायतों के प्रति आपका रिस्पांस नहीं रहता… ऐसा क्यों…। इस पर डीएम बोले – इसका जवाब जनता ही देगी। जनसमस्याओं का निदान उनकी प्राथमिकता में शामिल है, आम ग्रामीण भी उनसे सीधा आकर मिलता… संतुष्ट होकर लौटता है।
फिर राज्यमंत्री ने अल्मोड़ा शहर की वन-वे ट्रैफिक को जनसुविधा के लिए बदलने की बात कही। डीएम ने उच्चतम न्यायालय की गाइड लाइन का हवाला दिया। कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सडक़ सुरक्षा एक्ट के तहत यह व्यवस्था बनाई गई है। लिहाजा इसमें जल्दी में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। इस पर असहज राज्यमंत्री ने डीएम को यह कह कर घेरने का प्रयास किया कि डीएम साहब! आप फोन भी रिसीव नहीं करते, ऐसा क्यों…।
डीएम ने जवाब दिया जिलाधिकारी का फोन रिसीव होता है या नहीं इसका फीडबैक जनता से ले लीजिए। पास ही खड़े एसएसपी डीएस कुंवर की ओर देखने के बाद राज्यमंत्री ने लगे हाथ पूछ ही लिया कि उनके पति के खिलाफ दर्ज मुकदमे का क्या हुआ। इस पर डीएम शालीनता से बोले- मैडम, आप अपने विभाग की समीक्षा बैठक लें। सार्वजनिक रूप से इस पर बात नहीं की जा सकती। वह मुख्यमंत्री, गृहमंत्री या गृहसचिव से ही बात करेंगे
…आपको अगर डीएम पसंद नहीं तो बदलवा दें। बहरहाल, इस तल्खी के बाद विभागीय समीक्षा बैठक शुरू हुई। इसमें डीएम व एसएसपी भी शामिल रहे। बता दें कि राज्यमंत्री के पति बरेली निवासी गिरधारी लाल पप्पू के खिलाफ चुनाव के समय मुकदमा दर्ज किया गया था।