अरे मनीष सिसोदिया साहब…, यह आप क्या कह गए, बिना अपने गिरेबां में झांके आपने तो उत्तराखंड के लोगों को नीचा दिखाने जैसी बात कर दी। दिल्ली की ‘आप’ की ही सरकार है जो कई स्टिंग आपरेशन से भरी पड़ी है, फिर चाहे देश विरोधी गतिविधियों को लेकर आप के ही नेताओं का स्टिंग हो, या फिर अपने ही नेताओं को लेकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और विकास सिंह का स्टिंग सहित अभद्र टिप्पणी का स्टिंग।
हम यहां दिल्ली सरकार पर कीचड़ नहीं उछाल रहे हैं, मगर जिस तरह की बात आप नेता मनीष सिसोदिया ने हल्द्वानी में अपने कुछ नेताओं के सामने प्रेसवार्ता के दौरान कही। उससे तो यह बात हर किसी के जुबां से निकलती है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। जिस पार्टी का चरित्र ही स्टिंग से जुड़ा हो, जो पार्टी के शीर्ष नेता अपने ही निचले पदाधिकारियों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करें। इसके साथ ही जिनके वर्ष 2013 में स्टिंग चुनाव से ठीक पहले हुए हो और उसका असर विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला हो, कि वहां आम आदमी पार्टी बहुमत में न आ सकी। उस पार्टी के नेता उत्तराखंड में नसीहत देने का काम कर रहे है।
हल्द्वानी में मनीष सिसोदिया साहब का यह कहना कि उत्तराखंड को स्टिंग बाज मुख्यमंत्री व नेता नहीं चाहिए, वाकई निंदनीय है और यह उत्तराखंड की जनता का अपमान है। रही बात उत्तराखंड की शिक्षा की, तो वर्तमान में त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने शिक्षा का स्वरूप बदलने का काम किया है, हर जिले में अटल आदर्श विद्यालय खुल रहे है, इससे कम खर्च पर अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा मिलेगा और मिड-डे-मिल का लाभ भी मिलेगा।