- चमोली में दो सिपाही किये सस्पेंड
- एडीजी ने कहा नहीं होगी अनुशासनहीनता बर्दाश्त
देहरादून : उत्तराखंड पुलिस में फिर आक्रोश भड़कने के संकेत पुलिस हेड क्वार्टर को मिले हैं । छह जनवरी को राज्यभर में पुलिसकर्मियों ने मांगों को लेकर ‘मिशन महाव्रत’ की चेतावनी दी है। इसके बाद अनुशासनहीनता को देखते हुए बीते दिन चमोली में आंदोलन की धमकी पर दो सिपाहियों के सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को अलर्ट जारी किया है।
पुलिस मुख्यालय देहरादून ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्र में छह जनवरी के आंदोलन को लेकर नजर रखने को कहा गया है। इसके साथ ही ऐसी किसी भी तरह की गतिविधि में शामिल होने वाले पुलिसकर्मियों या अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। खुफिया तंत्र को भी अलर्ट कर सोशल मीडिया में ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया है।
‘मिशन महाव्रत’ का प्रचार करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल स्तर पर इस आंदोलन से दूर रहने के लिए समझाने की भी जिम्मेदारी दी गई है। चमोली, पौड़ी, कोटद्वार सहित कई अन्य जगहों पर इस तरह की कुछ घटनाएं होने के बाद वहां पुलिस ज्यादा सतर्क हो गई है। पिछले कुछ दिनों से पुलिस की ओर से सीएम के नाम एक गुमनाम पत्र लगातार राज्य भर में मीडिया दफ्तरों और मीडिया कर्मियों तक पहुंच रहा है। इसमें व्रत रखकर ड्यूटी की चेतावनी है। पुलिसकर्मी और सुविधाओं की मांग कर रहे हैं।
मामले पर एडीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि पुलिस एक अनुशासित फोर्स है। इसमें इस तरह की अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं होगी। पुलिसकर्मियों को काफी सुविधाएं दी जा रही हैं। पुलिस वेलफेयर के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। अगर कोई मांग है तो विभागीय स्तर पर कही जा सकती है। आंदोलन करने वालों पर विभागीय के साथ कानूनी कार्रवाई भी होगी। राज्य भर में इस पर नजर रखी जा रही है।
गौरतलब हो कि इससे पहले भी पुलिस विभाग में 2016 में भी ‘मिशन आक्रोश’ नाम से ऐसा ही आंदोलन चला था। जिसमें पुलिसकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर ड्यूटी की थी। इसमें कुछ पुलिसकर्मियों और कुछ बाहरी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।