कश्मीर: शोपियां में हल्द्वानी के मेजर सहित एक सिपाही शहीद, दो आतंकवादी भी मारे गए

कश्मीर में एक बार फिर आतंकवादी घटना ने हल्द्वानी का हृदय छलनी किया
शहीद के परिवार के दुःख के साथ पूरा राज्य खड़ा : मुख्यमंत्री
हल्द्वानी : दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के एक तलाशी दल पर गोलीबारी करने से एक मेजर सहित दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए और एक अन्य जवान घायल हो गया। मेजर का नाम कमलेश पांडे है। कमलेश 62 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। वहीं, कुलगाम जिले में आतंकी हमले में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया।
राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कश्मीर में मेजर कमलेश पाण्डे की शहादत पर शोक संवेदना व्यक्त की है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में देश के लिए शहीद होने की गौरवशाली परम्परा रही है। मेजर कमलेश पाण्डे ने अपनी शहादत से उत्तराखण्ड का गौरव बढ़ाया है। राज्यपाल ने ईश्वर से शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है।
मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार तडके राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल एसओजी और सेना की 9 आरआर क जवानों के एक संयुक्त कार्यदल ने कुलगाम के गोपालपोरा (दम्हाल हांजीपोरा) के पास एक नाका लगा रखा था। सुरक्षाबलों को अपने तंत्र से पता चला था कि वहां से आतंकियों का एक दल गुजरने वाला है। यह नाका एक पुलिया के पासा लगाया गया था। तड़के करीब एक बजे तीन से चार आतंकियों का एक दल वहां से गुजरा। नाका पार्टी ने जैसे ही तीन-चार लोगों को रात के अंधेरे में आते देख चेतावनी देते हुए उन्हें रुकने व अपनी पहचान बताने को कहा। लेकिन जवाब में आतंकियों ने गोली चला दी और वापस भागने लगे। नाका पार्टी ने भी जवाबी कार्रवाई। इसके बाद वहां करीब एक घंटे तक गोलियां चली।
सूरज निकलने पर जब जवानों ने तलाशी ली तो उन्हें वहां गोलियों से छलनी दो आतंकियों के शव, दो एसाल्ट राइफलें व अन्य साजो सामान मिला। दावा किया जाता है कि मारे गए आतंकियों के अन्य दो साथी मुठभेड़ के दौरान वहां से सुरक्षित भागने में कामयाब रहे। पुलिस के अनुसार, मारे गए आतंकियों की तत्काल पहचान नहीं हो पाई है। इसी दौरान साथ सटे शोपियां जिले के मात्रिबुग जोईपोरा में आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सेना की 62 आरआर, राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल एसओजी और सीआरपीएफ के जवानों के एक संयुक्त कार्यदल ने तडके 2.30 बजे एक अभियान चलाया।
दावा किया जाता है कि आतंकियों को इस अभियान की भनक लग गई और वह अपना ठिकाना छोड़ गांव में एक जगह छिप गए। जैसे ही जवान वहां पहुंचे,आतंकियों ने ताबड़-तोड़ फायरिंग कर दी। आतंकियों ने जवानों पर ग्रेनेड भी फेंके। जब तक जवान इस अप्रत्याशित हमले का जवाब देने के लिए अपनी पोजीशन लेते, एक मेजर समेत तीन सैन्यकर्मी घायल हो गए। अन्य जवानों ने अपने घायल साथियों को वहां से सुरिक्षत स्थान पर पहुंचाते हुए जवाबी फायर किया। लेकिन आतंकी वहां से भाग निकले। इस बीच, सेना की 92 बेस अस्पताल में घायल मेजर कमलेश पांडेय और सिपाही तांजिन छयूतिन अपने जख्मों की ताव न सहते हुए चल बसे। अलबत्ता, सिपाही किरपाल सिंह की हालत स्थिर और खतरे से बाहर बताई जाती है।
मेजर के शहीद होने की खबर सुनते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। मेजर पांडे के घर लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि घात लगाए आतंकवादियों ने जयपुरा गांव में एक सैन्य गश्ती दल पर हमला कर दिया। हमले में मेजर कमलेश पांडे, सिपाही तंजीन और सिपाही कृपाल सिंह सहित 3 जवान घायल हो गए। घायलों को तुरंत बादामी बाग छावनी इलाके के 92 बेस अस्पताल पहुंचाया गया, जहां हल्द्वानी निवासी मेजर कमलेश पांडे और सिपाही तंजीन ने दम तोड़ दिया। हमले के बाद आतंकवादी भागने में कामयाब रहे। आर्मी हेडक्वार्ट ने इस घटना की पुष्टि की है। घटना की सूचना मिलते ही हल्द्वानी स्थित ऊंचापुल में कमलेश पांडे के घर में शोक की लहर है। घटना के बाद से ही उनके घर में लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई है। शहीद मेजर कमलेश पांडे मूलरूप से अल्मोड़ा के दिगोली गांव निवासी हैं। मेजर पांडे के शहीद होने की खबर से गांव में भी शोक की लहर है।
शहीद मेजर कमलेश पांडे की शहादत को किया सलाम
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जम्मू कश्मीर में तैनात अल्मोड़ा निवासी भारतीय सेना के मेजर कमलेश पांडे की शहादत पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने शहीद मेजर कमलेश पांडे की शहादत को सलाम करते हुए उनके बलिदान को प्रदेश व देश का गौरव बताया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने शहीद मेजर कमलेश पांडे के पिता मोहन चन्द्र पांडे से फोन पर बात कर शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने शहीद के पिता को राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि इस दुःख की घड़ी में पूरा प्रदेश शहीद के परिवार के साथ खडा है।
इसके साथ ही मुख्यमत्रीं श्री त्रिवेन्द्र ने जवान तेनजिंग सी. की शहादत पर भी गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शहीद जवान के बलिदान पर नमन करते हुए कहा कि उनकी संवेदनाएं शहीद के परिवार के साथ है।
देर रात तक हल्द्वानी पहुंचेगा शहीद का पार्थिव शरीर
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेजर कमलेश के पिता मोहन चंद्र पांडेय भी सेना से सेवानिवत्त हुए हैं, जबकि छोटा भाई आर्मी पोस्टल सर्विस में है। मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के दिगोली बाड़ेछीना में रहने वाले मेजर कमलेश के प्राथमिक शिक्षा गांव के प्राथमिक स्कूल में हुई थी। कक्षा छह से 12 तक वह रानीखेत के केंद्रीय विद्यालय में पढ़े। 2006 में उनका चयन एअर फोर्स में एअर मेन के पद पर हुआ था। नौकरी के साथ ही उन्होंने स्नातक किया और 2010 में सीडीएस परीक्षा पास की। तीन माह पहले ही वह मेजर के पद पर प्रोन्नत हुए थे।
पिता मोहन ने बताया कि आज सुबह करीब नौ बजे सेना के एक अफसर ने फोन कर बेटे के शहीद होने की जानकारी दी। दोपहर में आर्मी स्टेशन हलद्वनी और जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के अफसर शहीद के घर पहुंचे। आज देर रात तक शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचेगा।
वहीं, बेटे की मौत की खबर से मां शांति पांडेय और बड़ी बहन बीना पंत बेहाल हैं। शहीद कमलेश की पत्नी रचना पांडे और दो साल की बेटी भूमिका दिल्ली में रहते हैं। रचना का मायका गाजियाबाद में है। उनको फोन पर सूचित कर दिया गया है। देर शाम तक उनके पहुंचने की संभावना है।