मुख्यमंत्री ने औली निरीक्षण में छुड़ाए अधिकारियों के पसीने !

स्थानीय स्कीयर्स को तैयार करने को अच्छे प्रशिक्षक की होगी व्यवस्था : सीएम
केंद्रीय मंत्री के साथ औली में भविष्य की सम्भावनाओं को तलाशा जायेगा
औली को टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में किया जायेगा विकसित
जोशीमठ : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत शुक्रवार को औली में शीलकालीन खेलों की आवश्यक तैयारियों की जायजा लेने औली क्या पहुंचे कि उनकी पैदल चाल से अधिकारियों का पसीना निकल गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत औली में चेयर लिफ्ट स्थल से कृत्रिम बर्फ बनाने वाली झील तक पैदल पहुंचे , इस दौरान वे चढ़ाई वाले स्लोप से चढ़े। जबकि साथ चल रहे अधिकारियों तक का पसीना छूट गया।लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत सामान्य नजर आए। इस दौरान उन्होंने झील समेत सभी आवश्यक तैयारियों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री के भ्रमण कार्यक्रम के दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, पर्यटन सचिव और आयुक्त गढ़वाल मंडल दिलीप जावलकर समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
इससे पहले सीएम रावत ने औली पहुंचने पर आईटीबीपी के अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने कहा मास्टर प्लान के तहत औली को टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा तथा भविष्य में शीतकालीन खेलों के आयोजन के लिए औली में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को जोड़ने का पूरा प्रयास किया जायेगा। औली में 15 से 21 जनवरी तक आयोजित होने वाले फेडरेशन आॅफ इन्टरनेशनल स्कीइंग रेस की तैयारियों का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे भारत में उत्तराखण्ड को फिस रेस जैसी अन्तराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता करने का मौका मिला है, जो हमारे राज्य के लिए बडी सौभाग्य की बात है और प्रकृति ने चाहा तो इस प्रतियोगिता को सफलतापूर्वक आयोजन कराया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औली विश्व के सबसे सुन्दरतम् स्थानों में से एक है। जहाॅ पर्यटन की अपार सभावनाऐं है। यहाॅ की सुन्दर वादियों का लुफ्त उठाने हर साल यहा लाखों पर्यटक पहुॅचते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य को फोकस करते हुए दूरगामी सोच
के साथ औली को टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है तथा शीतकालीन खेलकूद प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए सभी संसाधन जोडे जायेंगे। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर भी स्कीयर्स को तैयार करने के लिए अच्छे प्रशिक्षक रखने की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि औली में आयोजित होने वाली फिस रेस में शामिल होने वाले सभी खिलाडियों, पर्य
टकों व मेहमानों के लिए सरकार की ओर से पूरी सुविधाऐं दी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अभी बर्फवारी नही हुई है पर आने वाले समय में निश्चित रूप से बर्फ पडेगी और औली में शीतकालीन खेल का आयोजन संपन्न होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिस रेस की तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी है। दूसरी ओर पत्रकारों के सवालों को जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि समय पर बर्फ न पड़ने की स्थिति में विशेषज्ञों की समिति औली में आयोजित होने वाले फिस रेस की डेट तय करेगी।
फिस रेस की व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारियों की बैठक लेते हुए मुख्यमंत्री ने तय समय सीमा के भीतर सभी व्यवस्थाऐं पूरा कराने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि आगामी 16 जनवरी को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी औली पहुॅच रहे है, जिनके साथ विचार विमर्श कर औली में भविष्य की सम्भावनाओं को तलाशा जायेगा। बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को फिस रेस आयोजन को लेकर की गयी व्यवस्थाओं की प्रगति से अवगत कराया तथा फिस रेस के अवशेष कार्यो को शीघ्र पूरा करने का भरोसा दिलाया।
बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री श्री रावत ने औली के ढलानों पर एक किलोमीटर पैदल चलकर स्कीइंग स्लोपों का निरीक्षण भी किया तथा स्लोप पर कृ़ित्रम बर्फ बनाने वाली स्नोगन मशीन, आर्टीफिशियल लेक, स्नो वीटर, एवरेस्ट ग्रूमर आदि उपकरणों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। स्लोप पर निरीक्षण के दौरान औली में वाहरी राज्यों से आये पर्यटकों ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि औली एवं गौरसों को वल्र्ड क्लास विंटर डेस्टिनेशन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में निश्चित रूप से बर्फवारी होगी तथा औली में फिस रेस सफलता पूर्वक संपन्न होगी। कहा कि फिस रेस के आयोजन में स्थानीय लोगों की सहभागिता भी बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र भट्ट, थराली विधायक मगनलाल शाह, जिला पंचायत अध्यक्षा मुन्नी देवी शाह, भाजपा जिला अध्यक्ष मोहन थपलियाल, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, पर्यटन सचिव व गढवाल आयुक्त दिलीप जावलकर, डब्लूजीयूके के अध्यक्ष एसपी चमोली, जिलाधिकारी आशीष जोशी, पूर्व आयुक्त व सलाहकार फिस रेस एसएस पांगती, डीसी आईटीबीपी नानक चंद, सीडीओ विनोद गोस्वामी, जिला पर्यटन अधिकारी एसएस यादव, मैनेजर स्कीइंग कमल किशोर डिमरी, स्कीइंग प्रशिक्षक विकेश डिमरी, सहित सभी नोडल अधिकारी एवं लोनिवि, वन, पेयजल, विघुत, दूरसंचार एवं तहसील व जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।