उत्तराखंड सरकार एनजीटी के खिलाफ जाएगी सुप्रीम कोर्ट
देहरादून : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के उस फैसले को उत्तराखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी, जिसमें उत्तराखंड समेत नौ राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) के अध्यक्षों के कामकाज पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के अनुसार बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति का मसला राज्य के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद से इसके अध्यक्ष पद पर राज्य सरकार ही नियुक्ति करती आई है। इसके लिए राज्य के एक्ट में प्रावधान है कि पर्यावरण के क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वाले व्यक्ति को अंशकालिक अथवा पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
हालांकि, राज्य सरकार अब तक आला अफसरों को ही यह जिम्मेदारी सौंपती आई है। वर्तमान में मुख्य सचिव एस.रामास्वामी इस दायित्व को भी देख रहे हैं। मुख्य सचिव बनने से पहले वह प्रमुख सचिव वन थे।
अब एनजीटी के फैसले से सरकार पशोपेश में है। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के मुताबिक एनजीटी के फैसले का अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने पर्यावरण एक्ट के तहत कार्य करती है और इसमें एसपीसीबी के अध्यक्ष की नियुक्ति सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। बदली परिस्थितियों में अब राज्य सरकार सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। इसके लिए कसरत शुरू कर दी गई है।