केदार घाटी में हेली कंपनियों को नहीं यात्रियों की जान की परवाह

रुद्रप्रयाग : आठ मिनट के सफर में यात्रियों से आठ हजार रुपये लेने वाली हवाई सेवाओं का यात्रियों की सुरक्षा कोई इंतजाम नहीं है चलते पंखों के बीच यात्रियों को हेलीकाप्टर में चढ़ाया और उतारा जा रहा है, जबकि DGCA के नियमों के मुताबिक हेलीकाप्टर के इंजन के बंद किये जाने के बाद ही यात्रियों को हेलीकाप्टर में बैठाया या उतारा जा सकता है, नियमों की यह अवहेलना अधिक चक्कर मारने के लिए की जा रही है।
वहीँ हवाई सेवाओं के लिए काफी खतरनाक मानी जाने वाली केदारनाथ की दुर्गम व ऊंची पहाड़ियों में इन दिनों बड़ी संख्या में हवाई कंपनियां यात्रियों को दर्शन के लिए ले जा रही हैं। प्रतिदिन औसतन ढ़ाई सौ उड़ाने केदारनाथ के लिए भरी जा रही हैं।
बीती 18 मई को केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर से उड़ान भरते ही अचानक आग की चिंगारियां उठने के यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा था, साथ ही केदारनाथ के लिए उड़ान भर रहे हेलीकॉप्टरों की फिटनेश को लेकर भी सवाल हुए थे, इसपर डीएम रुद्रप्रयाग ने केदारनाथ के लिए उड़ान भरने वाले सभी हेलीकॉप्टरों की जांच के लिए डीजीसीए को पत्र लिखा था, लेकिन आज तक हेलीकॉप्टरों की फिटनेश की जांच नहीं हो पाई है।
केदारनाथ की पहाड़ियों पर अब तक तीन बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 23 की जान जा चुकी है। जबकि पांच से अधिक छोटी घटनाएं हो चुकी हैं। नियमानुसार हेलीकॉप्टर अधिक से अधिक 14 वर्षो तक ही उड़ान के लिए उपयुक्त होता है। केदारनाथ के लिए वर्ष 2003 से केदारनाथ के लिए हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं। वर्तमान में 13 हवाई कंपनियों को सरकार ने उड़ान भरने की अनुमति दी है। प्रतिदिन हवाई सेवाओं से औसतन 1500 यात्रियों को ढ़ाई सौ उड़ान भर रही हैं।
वहीं हवाई कंपनियों का केदारनाथ की उड़ान काफी फायदे का सौदा है। मात्र आठ मिनट के सफर में यात्रियों से सात से आठ हजार रुपये किराया लिया जा रहा है। मात्र दो से ढ़ाई महीने के सीजन में ही एक हवाई कंपनी पांच करोड़ से अधिक का कारोबार कर लेती है, जोकि इसके लिए मुनाफा वाला है।
केदार घाटी में अब तक हुई घटनाएं
-20 जून 2013-गौरीकुंड के पास, सेना का एमआई 17 क्रैश 21 लोगों की मौत
-23 जून 2013 को गौरीकुंड से चार किमी आगे राहत कार्य के दौरान हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट सुरक्षित
-29-जून- 2013 केदारनाथ से दो किमी नीचे गुरूड़चट्टी के पास हेलीकॉप्टर क्रैश-2 की मौत
इसके अलावा 2006 में केदारनाथ हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर झुक जाने से एक कर्मचारी का सिर कट कर मौत हो गई थी।
डीएम के पत्र का भी कोई असर नहीं
18 मई को केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर पर उड़ान भरते समय चिन्गारियां उठने के बाद डीएम रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल ने डीजीसीए को पत्र लिखकर सभी हवाई कंपनियों की पुन जांच करने को कहा था, लेकिन पत्र के बीस दिन से अधिक समय बीत चुका है, कार्रवाई नहीं हुई। जिलाधिकारी का कहना था कि हवाई कंपनियों के हेलीकॉप्टरों यात्रियो के लिए सुरक्षित हैं या नहीं इसकी जांच के लिए उड्डयन मंत्रालय को लिखा गया है, यात्रियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।
केदारनाथ के लिए भरी उड़ान
-आठ मई से आठ जून तक कुल उड़ान-7233
-कुल यात्री गए- 40604
-औसतन प्रतिदिन उड़ानें – 250 सटल