10 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र को वन भूमि माना जायेगा
संविदा फार्मासिस्टों और एएनएम समेत अन्य पदों पर नई भर्ती
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल की लगभग तीन महीने बाद हुई बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल की बैठक में 15 विषय मंत्रिमंडल के समक्ष लाये गए जिसमें सरकार ने पिछले भर्ती के नियमों को निरस्त करते हुए नए सिरे से भर्ती का निर्णय लिया। इस बैठक में मंत्रिमंडल ने प्रदेश में संविदा फार्मासिस्टों, एएनएम समेत अन्य की भर्ती को मंजूरी दी है। इन पदों की संख्या लगभग दो हजार होगी। जल्द इसकी अधिसूचना जारी होगी। वहीँ मंत्रिमंडल ने प्रदेश में वर्ष 2005 के बाद नियुक्त करीब 80 हजार सरकारी कार्मिकों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने बतौर नियोक्ता राष्ट्रीय पेंशन योजना में अपनी हिस्सेदारी 10 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद कर दी। इससे उक्त कार्मिकों की पेंशन में बड़ी वृद्धि का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई निर्णय लिए गए। सरकार ने पुरानी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने साथ ही निर्णय लिया कि राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत नियोक्ता के अंशदान 14 फीसदी किया गया है।
वहीं राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाके के लोगों को रोजगार से जोड़ते हुए उनकी आय में बढ़ोत्तरी का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार के इस निर्णय के बाद साडा में कार्यरत 149 कर्मचारी अब एमडीडीए के कर्मचारी हो जायेंगे।
राज्य मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि ग्रामीण इलाकों में चीड़ के पत्तों को एकत्रित कर उससे बिजली बनाने की योजना के अंतर्गत पिरूल एकत्र करने पर वन विभाग प्रति किलो एक रुपये ग्रामीणों को देगा।
वहीं, एक अन्य निर्णय के तहत साडा को एमडीडीए में मर्ज करने का फैसला भी लिया गया। वहीं, निवेशकों के लिए उद्योग विभाग की नियमावली में संशोधन किया गया। इसके तहत सरकार पहाड़ में स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि आदि के उद्योग लगाने पर भूमि में छूट देगी। पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पर्यटन समेत विभिन्न व्यवसायों के लिए 12.5 एकड़ से ज्यादा भूमि को खरीदने अथवा लीज पर देने के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने अपनी मुहर लगा दी।
वहीं राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत उत्तराखंड में वनों की वास्तविक जानकारी के लिए श्रेणी तैयार की है। इसमें राज्य में वनों की स्थिति को परिभाषित करने के लिए सरकार ने तीन श्रेणियां बनाईं हैं। इसके तहत डीम्ड फारेस्ट को परिभाषित करने का निर्णय भी लिया गया है।जिसकी तीन श्रेणियां होंगी इसे राज्य और केंद्र के रिकॉर्ड में दर्ज कर अधिसूचित वन भूमि को डीम्ड फारेस्ट कहा जायेगा। वहीं राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज भूमि को वन भूमि कहा जायेगाऔर जहाँ 10 हेक्टेयर से अधिक वन होगा उसे वन भूमि माना जायेगा।
कैबिनेट के अन्य प्रमुख फैसले
-नगर निगम को मिले ज्यादा वित्तीय अधिकार, सचिव की अध्यक्षता में समिति के बजाय नगर आयुक्त की अध्यक्षता में समिति को वित्तीय स्वीकृति का मिला अधिकार
-वर्ष 2016 में संविदा फार्मासिस्टों के 488 पदों पर भर्ती रद, अब 1800 से 2000 पदों के लिए नए सिरे से आयोजित की जाएगी भर्ती प्रक्रिया
-उद्योगों को बढ़ावा देने को पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्यान, पर्यटन आदि के उपयोग को 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीदी या लीज पर दी जा सकेगी
-उत्तराखंड राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग नियमावली मंजूर
-उत्तराखंड सहकारी समितियां एवं पंचायती लेखा परीक्षा विभाग और स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग के एकीकरण के बाद लेखा परीक्षा विभाग कार्मिक नियमावली को स्वीकृति