UTTARAKHAND

उत्तराखंड कैबिनेट : प्रदेश में महिलाएं पति की पैतृक संपत्ति में होंगी सहखातेदार

जनता को दी बड़ी राहत, बगैर नक्शे के भवन होंगे वैध

 परित्यक्त और संतानहीन बेटियों को भी पैतृक संपत्ति का मिला अधिकार

पर्वतीय क्षेत्रों में आवास के लिए 2500 रुपये, मैदानी क्षेत्रों में पांच हजार रुपये आवेदन शुल्क तय

गैर आवासीय में पर्वतीय क्षेत्रों के पांच हजार और मैदानी क्षेत्रों के 10 हजार रुपये शुल्क

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । चुनावी साल में उत्तराखंड सरकार ने राज्य के लोगों को बड़ी राहत दी है। इसके तहत जिन आवासीय और गैर आवासीय भवनों के नक्शे नहीं हैं, उन्हें राज्य सरकार की एकमुश्त समाधान योजना (वन टाइम सैटलमेंट) के तहत वैध कराया जा सकेगा। बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आवास विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

हालाँकि विधानसभा सत्र घोषित होने के कारण कैबिनेट की ब्रीफिंग नहीं हुई। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों, जिनमें एकल आवास, दुकानें, कार्यालय, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, चाइल्ड केयर, नर्सिंग स्कूल, प्ले ग्रुप स्कूल आदि को एकमुश्त योजना के तहत निर्धारित शुल्क देकर वैध कराया जा सकेगा।

पर्वतीय क्षेत्रों में आवास के लिए 2500 रुपये, मैदानी क्षेत्रों में पांच हजार रुपये आवेदन शुल्क तय किया गया है। गैर आवासीय में पर्वतीय क्षेत्रों के पांच हजार और मैदानी क्षेत्रों के 10 हजार रुपये शुल्क रखा गया है। एक बार समाधान हो जाने के बाद सेटेलाइट से निगरानी की जाएगी और उसके बाद कहीं अवैध निर्माण पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रदेश मंत्रिमंडल में कुल 24 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

महिलाएं सहखातेदार, बेटियों को भी अधिकार

प्रदेश में महिलाएं पति की पैतृक संपत्ति में सहखातेदार होंगी। इसके साथ ही परित्यक्त और संतानहीन बेटियों को भी पैतृक संपत्ति का अधिकार दिया गया है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने राजस्व विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगाई। इसके तहत कैबिनेट ने उत्तराखंड उत्तर प्रदेश भूमि जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 संशोधन अध्यादेश 2021 को मंजूरी दी है। यह अध्यादेश विधेयक के रूप में विधानसभा में सत्र के दौरान आएगा।

छह लाख बिजली उपभोक्ताओं का विलंब शुल्क माफ

प्रदेश के छह लाख बिजली उपभोक्ताओं को विलंब शुल्क में तीन माह की छूट मिलेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया। इसका लाभ घरेलू, वाणिज्य, छोटे उद्योग और निजी नलकूप के बिजली उपभोक्ताओं को होगा। इससे सरकारी खजाने पर 230 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ेगा। सरकार का मानना है कि इससे बिजली बिलों का बकाए भुगतान में तेजी आएगी। कैबिनेट ने होटल और रेस्टोरेंट और ढाबों की तरह धर्मशालाओं और सिनेमा हाल को भी तीन माह के फिक्स्ड चार्ज से छूट प्रदान की है।

57 हजार करोड़ का होगा सरकार का बजट

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) स्थित विधानसभा में एक मार्च से होने जा रहे बजट सत्र में प्रदेश सरकार करीब 57 हजार करोड़ रुपये का बजट रखेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में बजट प्रस्ताव पर चर्चा हुई। अगले वित्तीय वर्ष के लिए 56 हजार 900 करोड़ के बजट को मंजूरी दे दी है। बैठक में वित्तीय वर्ष 2021- 22 के आम बजट को मंजूरी देते हुए 44 हजार करोड़ रुपये राजस्व मद जबकि 13 हजार करोड़ के करीब पूंजीगत मद में शामिल किया गया है। राज्य का बजट सत्र अगले माह एक से 10 मार्च तक गैरसैंण विधानसभा सत्र में आयोजित किया जाना है। चार मार्च को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत विधान सभा के सदन में बजट पेश करेंगे। राज्य का मौजूदा वर्ष का बजट पचास हजार करोड़ के करीब था जिसे इस बार सात हजार करोड़ के करीब बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। लोनिवि, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए सबसे ज्यादा बजट होने की उम्मीद है।

राज्यपाल के अभिभाषण को सीएम अधिकृत

प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्यपाल के अभिभाषण को भी मंजूरी दे दी है। साथ ही इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अधिकृत कर दिया है। राज्यपाल के बजट अभिभाषण को भी मंजूरी का प्रस्ताव लाया गया। जिस पर कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को मंजूरी देने के लिए अधिकृत कर दिया है। गैरसैंण में बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होना है। इस अभिभाषण को सरकार की ओर से अभी तैयार किया जा रहा है।

हर की पैड़ी से चंड़ीदेवी तक रोपवे को मंजूरी

तीर्थनगरी हरिद्वार में हर की पैड़ी से चंडीदेवी तक रोपवे का निर्माण होगा। मंत्रिमंडल ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में बनने वाले इस रोपवे के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस पर 149 करोड़ की लागत आएगी।

चिकित्सा शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन

कैबिनेट ने चिकित्सा शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में निदेशक, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, प्राचार्य, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, चिकित्सा अधीक्षक, टीचिंग हॉस्पिटल, लैक्चरर, स्टेटिशियन, इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर, वेटनरी ऑफीसर, सीनियर रेजिडेंट, ट्यूटर, डिमोंस्ट्रेटर, मेडिकल फीजिसिस्ट, लेडी मेडिकल ऑफीसर के पदों में रिक्तियों की संख्या का पच्चीस प्रतिशत एक रिक्ति नहीं बन रही हो वहां सूची के नामों की संख्या कुल रिक्तियों की संख्या से एक अधिक होगी।

पांच नगर पंचायत और एक नगर पालिका को मंजूरी

प्रदेश मंत्रिमंडल ने पांच ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा दे दिया। शहरी विकास विभाग के प्रस्ताव के तहत ईमलीखेड़ा, पाड़लीगुज्जर, रामपुर, ढंढैरा, नंगला को नगर पंचायत बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके अलावा गरुड़ नगर पंचायत को नगर पालिका का दर्जा देने के प्रस्ताव पर मुहर लगी। कैबिनेट की ओर से पांच नगर पंचायतों एवं एक नगर पालिका परिषद के गठन को मंजूरी मिलने के बाद अब राज्य में निकायों की संख्या बढ़कर 100 के करीब पहुंच गई है। अभी तक मनोनीत बोर्ड सहित राज्य में कुल 90 निकाय थे। इसके अतिरिक्त दो निकायों के गठन का मामला कानूनी लड़ाई में फंसा हुआ है। छह नए निकायों के गठन के बाद अब यह संख्या कुल मिलाकर 98 हो गई है।

कैबिनेट के अन्य अहम फैसले

  • ऊर्जा निगम के तीनों निगमों में इंदु कुमार पांडेय समिति की रिपोर्ट के आधार पर होगी प्रबंध निदेशकों व निदेशकों का चयन एवं भर्ती प्रक्रिया।
  • उत्तराखंड वन विकास निगम में सातवें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को आवास किराया भत्ता मंजूर।
  • चिकित्सा सेवा नियमावली में संशोधन।
  • उत्तराखंड जल विद्युत निगम के वार्षिक प्रतिवेदन को मंजूरी, विधानसभा के पटल पर आएगा ।
  • अधीनस्थ कार्यालय व्यक्तिगत सहायक संवर्गीय कर्मचारी सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी।
  • उत्तराखंड आपदा रिकवरी परियोजना के तहत चल रहे आर्बिट्रेशन के मामले लोनिवि को हस्तांतरित होंगे।
  • सेवा के अधिकार के वार्षिक प्रतिवेदन को मंजूरी।
  • उत्तराखंड अग्निशमन आपदा सेवा अधीनस्थ कर्मचारी अधिकारी सेवा नियमावली मंजूरी।

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