UTTARAKHAND

सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ राज्य को विकसित राज्‍यों की श्रेणी में लाना है सरकार का लक्ष्‍य : राज्यपाल

सभी राज्यवासियों के सहयोग से सरकार इस संकल्प को पूर्ण करेगी : राज्यपाल बेबी रानी मौर्या  

सत्र के बीच विपक्ष ने हंगामा करते हुए सदन से वॉक आउट कर अपना दर्ज कराया विरोध

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

गैरसैंण । Uttarakhand Budget Session -2021 उत्तराखंड में सरकार के चार साल पूरे होने से पहले प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में सोमवार से शुरू हो गया । राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 26 पृष्ठ के अभिभाषण को लगभग 47 मिनट तक पढ़ा। अभिभाषण से शुरू हुए सत्र के बीच विपक्ष ने हंगामा करते हुए सदन से वॉक आउट कर अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरान विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी की दर साल दर साल बढ़ती जा रही है और सरकार राज्य के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में विफल साबित हुई है। विपक्ष ने कहा पलायन एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है लेकिन प्रदेश सरकार का इस पर ध्यान नहीं दे रही है।

वहीं Uttarakhand Budget Session को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपनी अभिभाषण में राज्य सरकार की भविष्य की योजनाओं और उद्देश्यों को रेखांकित किया। अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि विकेंद्रीकृत विकास और सबका साथ-सबका विकास की अवधारणा को धरातल पर उतारते हुए उत्तराखंड को देश के अन्य विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना हमारी सरकार का लक्ष्य है। सभी के सहयोग से इस संकल्प को पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने स्वास्थ्य, पेयजल, रोजगार, मनरेगा, कुपोषण, पलायन, खेती-किसानी, सहकारिता समेत विभिन्न क्षेत्रों में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करने के साथ ही भविष्य की योजनाओं को भी रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन के लिए जिला स्तर पर प्लेसमेंट सेल की स्थापना की गई है। विद्यार्थियों के कैंपस साक्षात्कार के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने अब तक 40 फीसद विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया है और साथ ही अल्पकालिक रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। सरकार ने उत्तराखंड में नए आयाम आगे बढ़ाते हुए ग्रमीण इलाको में भी विकास को बढ़ाने का काम किया है। सीएम स्वरोजगार योजना के तहत मोटर साइकिल टैक्सी योजना संचालित कर दो वर्षों तक ब्याजमुक्त ऋण की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कृषि क्षेत्र में उत्सर्जन कम करने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृ़षि संगठन के वित्तपोषण से पौड़ी जिले में 41 करोड़ की लागत से जैफ (ग्लोबल एनवायरनमेंट फैसिलिटी) -6 ग्रीन एग्रीकल्चर परियोजना जल्द शुरू होगी। उन्होंने अन्य प्रस्तावित योजनाओं का उल्लेख भी किया। अभिभाषण शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डा.इंदिरा हृदयेश के नेतृत्‍व में विपक्ष कांग्रेस ने अभिभाषण में बेरोजगारी की समस्या का ठोस समाधान न होने की बात कहते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया।

राज्यपाल बेबी रानी माैर्य ने अभिभाषण की शुरुआत सरकार द्वारा राज्य में ई-गवर्नेंस की दिशा में उठाए गए कदमों से की और कहा कि ई-गवर्नेंस के तहत शासकीय कार्य पूरी तरह पेपरलेस करने की कार्यवाही जारी है। उन्होंने कहा कि राज्य का सकल घरेलू उत्पाद दो लाख 53 हजार छह सौ 66 करोड़ है, स्थायी भाव पर आर्थिक विकास दर 4.2 फीसद है। राज्य के लिए अनुमानित प्रति व्यक्ति आय दो लाख दो हजार आठ सौ 95 है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुराज एवं सुशासन की स्थापना के लिए सरकारी तंत्र में पारदर्शिता के साथ ही सरकारी कार्यशैली में गुणवत्ता को बढ़ाते सहभागी एवं जवाबदेही व्यवस्था बनाई गई है। आमजन की शिकायतों, समस्याओं एवं परिवादों के निस्तारण को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन समेत अन्य कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को पूर्ण रूप से अस्तित्व में लाने, सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए आपातकालीन परिचालन केंद्रों को सक्रिय कर प्रबंध केंद्रों को मजबूत किया गया है। जल संसाधनों के नियोजन, विकास एवं प्रबंधन पर फोकस किया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि पर्वतीय जिलों में असिंचित कृषि भूमि की सिंचाई को पंपिंग योजनाओं में स्प्रिंकलर प्रणाली विकसित करने को सर्वेक्षण कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत को पानी के लिए 422 क्लस्टर योजनाओं के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में जड़ी-बूटियों के विपुल भंडार और आयुर्वेद का अधिक महत्व होने के दृष्टिगत उत्तराखंड को हर्बल राज्य घोषित किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जनसामान्य को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस कडी़ में उन्होंने अस्पतालों के उच्चीकरण, चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती, अटल आयुष्मान योजना, टेलीमेडिसन ई-संजीवनी, कोरोना संक्रमण की रोकथाम को कोविड हेल्थ व केयर सेंटर, तीन मेडिकल कालेजों की स्वीकृति समेत अन्य कदमों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि राज्य में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू कर दी गई है। मनरेगा में पांच लाख से ज्यादा परिवारों को रोजगार दिया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित समूहों के लिए 46.18 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए 574 करोड़ की संस्तुति की गई है, जिसके सापेक्ष 287 करोड़ की राशि पंचायतों के खातों में हस्तांतरित की गई है। खेल अवसस्थापना सुविधाओं पर भी फोकस किया गया है। परंपरागत खेलों को चिहि्नत कर इन्हें पहचान दिलाई जाएगी। खेलों के लिए क्षेत्र विशेष का हब के रूप में विकसित करने के साथ ही खिलाड़ियों को तकनीकी जानकारी के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाएगी। राज्यपाल ने पलायन की रोकथाम, औद्योगिक विकास, रुरल ग्रोथ सेंटर, स्टार्टअप, ईज अाफ डूइंग बिजनेस, जलजीवन मिशन, पर्यटन विकास, आवास, नदियों का पुनर्जीवीकरण, अमृत योजना, मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, एकीकृत बिजली विकास योजना, मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना, जड़ी बूटी कृषिकरण, आइएमए विलेज योजना, सहकारिता के माध्यम से किसानों व समूहों को ब्याजमुक्त ऋण, एफपीओ का गठन समेत अन्य योजनाओं का जिक्र भी किया।

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भोजनावकाश के बाद सदन में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्यपाल के अभिभाषण को पढ़ा। इसके बाद कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई जिसके बाद उन्होंने सदन को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

राज्यपाल के अभिभाषण के अन्य महत्वपूर्ण अंश :-

-एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली शॉफ्टशेयर शुरू किया
-कार्यों की गुणवत्ता के लिए ईएफसी व टीएसी प्रकोष्ठ बनाया 
-बाह्य सहायतित योजनाओं के लिए ईएपी पोर्टल बनाया
-4500 गावों में ड्रोन सर्वे भूमि के स्वामित्व अधिकार पत्र तैयार होंगे
-मुख्यमंत्री हेल्पलाइन योजना 1905 शुरू की
-32 सेवाएं ई डिस्ट्रिक्ट व जनसेवा केंद्रों से उपलब्ध कराई
-माध्यमिक स्कूलों में स्मार्ट इको क्लब स्थापित होंगे
-साइंस ऑफ रिवाइवल ऑफ रिवर्स नदियों के लिए यूसर्क में प्रयोगशाला 
-यात्रा को सुरक्षित व सुगम बनाने के लिए मेरी यात्रा एप की लांच किया
-मुक्तेश्वर में डॉप्लर राडार की स्थापना होगी 
-गोला नदी पर जमरानी और सौंग नदी पर पेयजल बांध योजना
-पर्वतीय जिलों में भी असिंचित कृषि भूमि की सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर प्रणाली
-हर खेत को पानी योजना के तहत 349 करोड़ के 422 क्लस्टर प्रस्तावित
-आबकारी के तहत 3461.37 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य
-60 आयुर्वेदिक अस्पतालों में योग व वैलनेस चिकित्सा शुरू होगी
-शिकायतों के निवारण के लिए कंज्यूमर हेल्पलाइन 1800-180-4188 शुरू की
-कुपोषण से मुक्ति के लिए बाल पालाश योजना
-सोबन सिंह जीना विश्व विद्यालय की स्थापना की
-भक्त दर्शन उच्च शिक्षा गौरव पुरस्कार की घोषणा की
-अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना की प्रक्रिया शुरू की
-अल्पकालिक रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया
-मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना शुरू की
-शैक्षिक अनुसमर्थन कार्यक्रम बनाया
-उद्योगों की मांग के अनुरूप पॉलिटेक्निक संस्थाओं में पाठ्यक्रम तैयार किए
-रोजगार के लिए जिलों में प्लेसमेंट सेल बनाए

राज्यपाल के अभिभाषण को पढ़ने के लिए इस लिंक को क्लिक करें

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