मानव संसाधन विकास मंत्री शिक्षा सहयोग पर ऑस्ट्रेलिया-भारत मंत्रिस्तरीय 5वीं बैठक में शामिल हुए
दोनों देश उच्च शिक्षा में सहयोग से अपने संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनायेंगे : ”निंशक”
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज नई दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच भविष्य में द्विपक्षीय सहयोग पर ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री श्री डैन तेहन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। श्री पोखरियाल ने इस अवसर पर कहा कि दोनों देश उच्च शिक्षा में सहयोग से अपने संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनायेंगे।
उन्होंने बताया कि उनके मंत्रालय ने उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण, अकादमी अनुसंधान और सहयोग के लिए योजना (एसपीएआरसी), जीआईएएन, एसआईआई (लघु अवधि के भारत केन्द्रित पाठ्यक्रम) के माध्यम से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष मंत्रालय ने संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों के माध्यम से अनुसंधान व्यवस्था में सुधार के लिए अकादमिक अनुसंधान और सहयोग (एसपीएआरसी) योजना शुरू की और इसके लॉंच किए जाने के एक साल से भी कम समय में ऑस्ट्रेलियाई तथा भारतीय संस्थानों की 54 संयुक्त परियोजनाएं शुरू हुई हैं। उन्होंने बताया कि ‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों को गुणवत्ता सम्पन्न शिक्षा प्रदान करना और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीय शिक्षा प्रणाली को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि हमने योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित लघु अवधि के भारत केन्द्रित पाठयक्रम प्रारंभ किए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन सभी कार्यक्रमों/योजनाओं में ऑस्ट्रलिया की भागीदारी बढ़ेगी।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक और ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री श्री डेन तेहन आज नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा परिषद की 5वीं बैठक में शामिल हुए।
श्री पोखरियाल ने 5वीं ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा परिषद (एआईईसी) की बैठक की संयुक्त अध्यक्षता करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एआईईसी ने अपने उद्देश्यों को पूरा किया है और नीति निर्माताओं, शिक्षा तथा उद्योगजगत के हितधारकों को एक साथ लाकर भारत-ऑस्ट्रेलिया शिक्षा सहयोग का दायित्व भी संभाला है।
इस बैठक से अलग दोनों मंत्रियों ने आज भारत-ऑस्ट्रेलिया अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा तथा अनुसंधान कार्यशाला का भी उद्घाटन किया।