DEHRADUNUttarakhand

NHM के अंतर्गत दो वर्षीय कार्ययोजना को मिली मंजूरी

NHM के अंतर्गत दो वर्षीय कार्ययोजना को मिली मंजूरी

भारत सरकार ने दी 1100 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति
 श्रीनगर में स्थापित होगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ब्लड बैंक
थलीसैंण व गुप्तकाशी में बनेंगे उप जिला चिकित्सालय

देहरादून : भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत उत्तराखंड के लिये दो वर्षीय पीआईपी को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत करीब 1100 करोड़ की विभिन्न योजनाओं को सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है। जिसके तहत मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ब्लड बैंक के निर्माण की स्वीकृति के साथ ही जनपद पौड़ी में आईपीएचएस मानकों के तहत थलीसैंण व रूद्र्रप्रयाग जनपद के गुप्तकाशी में 50-50 बेड के उप जिला चिकित्सालयों के निर्माण की स्वीकृत प्रदान की गई है, जबकि एल.डी. भट्ट उप जिला चिकित्सालय काशीपुर में 200 शैयायुक्त चिकित्सालय के निर्माण को मंजूरी मिली है।

नेशनल प्रोग्राम कोर्डिनेशन कमेटी (एनपीसीसी) भारत सरकार की दिल्ली में सम्पन्न बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 हेतु द्विवर्षीय पीआईपी को दे दी गई है। राज्य की ओर से एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं के लिये आगामी दो वर्षों हेतु करीब 1100 करोड़ के प्रस्ताव की पीआईपी (प्रोग्राम इम्पलीमेंटेशन प्लान) भेजी गई थी।

जिस पर दो दिन पूर्व नई दिल्ली में आयोजित एनपीसीसी की बैठक में कुछ संशोधनों के साथ सभी प्रस्तावों को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। जिसके तहत जनपद पौड़ी के श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ब्लड बैंक के निर्माण, थलीसैंण व गुप्तकाशी में 50-50 बेड के उप जिला चिकित्सालय, काशीपुर उप जिला चिकित्सालय में 200 शैय्या युक्त अस्पताल भवन की स्वीकृति प्रदान की गई है।

इसके अतिरिक्त जी.बी. पंत चिकित्सालय नैनीताल में टाईप-4 व टाईप-3 आवास तथा बी.डी. पाण्डेय चिकित्सालय नैनीताल में टाईप-4 आवास, ट्रांजिस्ट हॉस्टल, मेडिसिन स्टोर, कार्डिक केयर यूनिट, न्यू ओपीडी ब्लॉक व पार्किंग की स्वीकृति मिली है। इसी प्रकार जनपद रूद्रप्रयाग कें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों फाटा तथा गुप्तकाशी में एक-एक एमओ ट्रांजिस्ट हॉस्टल की स्वीकृति दी गई है। जबकि टीबी सेनिटोरियम भंवाली नैनीताल व उप जिला चिकित्सालय हल्द्वानी में नवीनीकरण कार्यों की स्वीकृति दी गई है।

एनपीसीसी भारत सरकार द्वारा आगामी दो वर्षों हेतु मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत नई गतिविधियों के संचालन हेतु रू0 412.32 लाख, गर्भवती महिलाओं को दुर्गम क्षेत्र से रोड़ साइड एवं घर पहुंचाने के लिये 262 अतिरिक्त डोली-पालकी हेतु रू0 78.60 लाख, 34 एफआरयू के सुदृढ़ीकरण हेतु रू0 89.90 लाख, आशा एवं एनएनएम को एडवोकेसी टूल हेतु रू0 41.44 लाख की अतिरिक्त धनराशि भी स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार प्रदेश में 13 वन स्टॉप सेंटर एवं 27 सीएचसी बर्थ वेटिंग होम के संचालन हेतु रू0 34 लाख की धनराशि तथा यूबीटी किट एवं ट्रेनिंग हेतु रू0 34 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से एनएचएम के तहत आगामी दो वर्षों के लिये विभिन्न परियोजनाओं के तहत करीब 1100 करोड़ की पीआईपी भेजी गई थी, जिसको एनपीसीसी भारत सरकार द्वारा कुछ संशोधनों के साथ सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई है। इन तमाम योजनाओं की मंजूरी के बाद राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सकेगा।

डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

Related Articles

Back to top button
Translate »