CRIME

मृत्युंजय मिश्र की दो महिला हमराज़ गिरफ्तार

  • करीबी नूतन और शिल्पा गिरफ्तार

  • पत्नी श्वेता और ड्राइवर अवतार के खिलाफ भी जांच जारी

  • सरकारी धन को फर्जी फर्म बनाकर लगाया गया था ठिकाने

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून: फर्जी फर्म बनाकर आयुर्वेद विश्व विद्यालय में लाखों रुपये के उपकरण की आपूर्ति सिर्फ कागजों में दिखाकर लगभग एक करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप में विजिलेंस ने दो फर्म की संचालिका नूतन रावत और शिल्पा त्यागी को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्र की करीबी बताई जाती हैं। आरोप है कि इन दोनों ने मिश्र के साथ मिलकर और फर्जी फर्म बनाकर आयुर्वेद विवि में लाखों रुपये के उपकरण की आपूर्ति सिर्फ कागजों में दिखाई। विजिलेंस कोर्ट में पेश करने के बाद दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

गौरतलब हो कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय में नियुक्ति, खरीदारी, निर्माण कार्यो समेत अन्य मामलों की जांच के बाद विजिलेंस ने तीन दिसंबर 2018 को निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्र को गिरफ्तार किया था। मिश्र तब से सुद्धोवाला जेल में बंद है। जांच में मिश्र की करीबी और विवि को कंप्यूटर, सीसीटीवी कैमरे समेत अन्य उपकरण की आपूर्ति करने वाली फर्म अमेजन ऑटोमेशन की शिल्पा त्यागी और क्रिएटिव वल्र्ड सोल्यूशन की संचालिका नूतन रावत की भूमिका भी भ्रष्टाचार में संलिप्त पाई गई। दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद विजिलेंस ने पुख्ता सबूत जुटा लिए थे। मगर, इस बीच दोनों ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे आदेश ले लिया था।

विजिलेंस के एसएसपी सेंथिल अबूधई एस कृष्णराज ने बताया कि बुधवार को कोर्ट से स्टे आर्डर पर रोक हट गई थी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को टीम ने आरोपित शिल्पा त्यागी को मोथरोवाला और नूतन रावत को नेहरू कॉलोनी स्थित दफ्तर से गिरफ्तार कर लिया। दोनों से प्रकरण को लेकर गहन पूछताछ की गई। इसके बाद विजिलेंस कोर्ट में पेश किया गया। जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में सुद्धोवाला जेल भेज दिया है। इधर, प्रकरण में मृत्युंजय मिश्र की प}ी श्वेता मिश्र और ड्राइवर अवतार सिंह के खिलाफ भी जांच चल रही है। पुख्ता सबूत मिलने के बाद उन पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।

  • बैंक खातों में डाले और निकाले गए रुपये ने खोले राज

नूतन रावत और शिल्पा त्यागी के हर्रावाला में खोले गए बैंक खातों ने आयुर्वेद विवि के फर्जीवाड़े के राज खोले हैं। आरोप है कि दोनों ने विवि से जारी फर्जी पत्र के आधार पर खाता खोला। इन खातों में आयुर्वेद विवि से फर्म के नाम जारी बजट के चेक जाम किए गए। इसके बाद खातों से रकम मिश्र और उनके परिजनों के नाम ट्रांसफर की गई। करीब एक करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन इन खातों में पकड़ा गया।

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