UTTARAKHAND
यात्राऐं भी एक जीवन की तरह होती हैं जन्म से मृत्यु जैसी’


‘राॅटर्डम से रोम’ यात्रा किताब उषा नौटियाल जी की मार्च-मई, 2008 के दौरान यूरोपियन देश नीदरलैंड, इटली, यूनान और वैटिकन सिटी में बिताये संस्मरणों की है। मुख्यतया राॅटर्डम, ऐम्सटर्डम, हेग, मिलान, वेनिस, रोम, पौम्पेई, नैपोली (नेपल्स), वैटिकन सिटी और लाइदेन शहरों का जिक्र इस किताब में हुआ है। पहली बार विदेश जाने के लिए रोमाचिंत होना एक स्वाभाविक और सामान्य बात है। पुरुष और महिला के लिए इस रोमांच की अलग-अलग प्रकार और स्तर की अनुभूतियां हो सकती हैं। एक भारतीय महिला की विदेशी संस्कृति और विकास के प्रति सोची गई अवधारणायें किन रूपों में सामने आती हैं, इसकी खूबसूरत सैर यह किताब कराती है। यह किताब परदेश में रह रहे बेटे की जीवन-चर्या और उसकी भावी जीवन दिशा पर एक भारतीय मां की परम्परागत नज़र और नज़रिये का स्वाभाविक स्पर्श भी कराती है।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.