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पौराणिक मान्यताओं से छेड़ का आरोप लगाते हुए उपवास पर बैठे केदारनाथ में तीर्थपुरोहित

गुप्तकाशी : केंद्र और राज्य सरकार पर पौराणिक एवं धार्मिक मान्यताओं को दरकिनार कर पुनर्निर्माण कार्य करने से केदारनाथ के तीर्थपुरोहित नाराज चल रहे हैं। सोमवार को केदारसभा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए केदारनाथ मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना करने के बाद तीर्थपुरोहित सामूहिक उपवास पर बैठ गए। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि सरकार को चेताने के लिए अब हर सोमवार को केदारनाथ में सामूहिक उपवास किया जायेगा।

सोमवार सुबह 8 बजे पूजा-अर्चना के बाद केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला के नेतृत्व में तीर्थपुरोहित, व्यापारी और मंदिर के हक-हकूकधारियों ने मंदिर परिसर में उपवास शुरू किया। तीर्थपुरोहितों का कहना है कि वह लगातार केदारधाम के धार्मिक महत्व और यहां होने वाले कार्यों को लेकर सरकार को अवगत कराते आ रहे हैं, किंतु कोई सुनने वाला नहीं है। जो भी कार्य किए जा रहे हैं उनमें यहां की पौराणिक मान्यताओं का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार जबरन यहां प्रशासन और पुलिस के बल पर काम करवा रही है। 

तीर्थपुरोहितों ने कहा कि पूरी केदारपुरी को समतल करने, सुरक्षा दीवार तीर्थपुरोहितों के भवन, दुकान आदि को लेकर सरकार कतई गंभीर नहीं है, जबकि बड़ी संख्या में तीर्थपुरोहित बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, केदारनाथ विधायक मनोज रावत, चारधाम हक-हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत, बीकेटीसी अध्यक्ष गणेश गोदियाल की मौजूदगी में देहरादून में उपवास करने का ऐलान किया था।

तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि यदि सरकार ने केदारपुरी में धार्मिक और पौराणिक मान्याताओं के विपरीत कार्य करना बंद नहीं किया तो तीर्थपुरोहित कोई भी कड़ा कदम उठाने को बाध्य होंगे।

इस मौके पर केदारसभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, उपाध्यक्ष आनंद सेमवाल, महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती, पूर्व अध्यक्ष बृजेश शर्मा, महेश, पूर्व महामंत्री पुरुषोत्तम तिवारी,अरविंद शुक्ला, लक्ष्मीनारायण जुगरान, पूर्व प्रधान पशुपति नाथ कुर्माचली, राजकुमार तिवारी, धर्मेश सेमवाल आदि मौजूद थे।

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