सरकार में शामिल तीन मंत्रियों की हो जांच : हरीश रावत
- जमीन के खेल में लिप्त है सरकार में शामिल मंत्री : पूर्व मुख्यमंत्री
- राज्य सरकार ने यदि हवाई सेवाओं का कार्य शुरू नहीं किया गया तो रखेंगे 24 घंटे का उपवास
हल्द्वानी : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाली प्रदेश सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वह खनन एवं जमीनों के खेल में राज्य सरकार के तीन मंत्री व उनके गुर्गे भूमाफिया की जांच करके तो दिखाएँ जो साथ मिलकर तराई में बड़ा खेल कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सरकार के इन मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि गौला एवं अन्य नदियों से समय पर खनन शुरू न कराना भी सरकार और मंत्रियों का अवैध खनन के जरिये अपनी जेब भरने की सोची समझी चाल है। उन्होंने मोदी सरकार के नोटबंदी पर भी हमला करते हुए कहा कि यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है। इस घोटाले में कमीशन लेकर राजनीतिक संरक्षण में भाजपाइयों ने नोट बदलवाए। उन्होंने कहा इसके बाद देश की अर्थव्यवस्था भी लगातार कमजोर हुई है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हल्द्वानी में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि भाजपा उन पर प्रदेश के खजाने को खाली करने का आरोप लगा रही हैं। यदि हमारी सरकार ने ऐसा किया होता तो वर्तमान प्रदेश सरकार कर्मचारियों को मार्च से लेकर जून तक का भी वेतन नहीं दे पाती।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने कालेधन को समाप्त करने के लिए लोगों से बड़े बड़े वायदे किए, लेकिन परिणाम आज भी सिफर ही है। नोटबंदी के बाद लागू जीएसटी में भी आज भी तमाम खामियां हैं। यही कारण है केंद्र सरकार को बार -बार GST की दरों में बदलाव करना पड़ रहा है लेकिन इसके बाद भी व्यापारी वर्ग तो परेशान है ही साथ ही GST उपभोक्ताओं के लिए भी मुसीबत का सबब साबित हो रहा है।उन्होंने कहा GST के लागू होने के बाद देशभर में महंगाई बढ़ी है जिसने देशवासियों की कमर तोड़कर रख दी है। उन्होंने तेल की लगातार बढ़ती कीमतों को केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्होंने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार का जिम्मा लिया था। जिनमें उनकी सरकार ने काम भी शुरू करा दिया गया था, लेकिन वर्तमान सरकार की मनमानी के चलते कई जगहों पर काम रोक दिया गया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने प्रदेश सरकार को मार्च तक का समय दिया है। अगर हवाई सेवाओं का कार्य शुरू नहीं किया गया तो वह 24 घंटे का उपवास कर सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे।