नई गाइडलाइंस ऐसे वक्त पर आई है जब दूसरी बार बढ़ाए गए लॉकडाउन की अवधि तीन मई को हो रही है समाप्त
तो क्या देश में तीसरी बार बढ़ाया जा सकता है लॉक डाउन !
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : यह ख़बर उन लोगों के लिए राहतभरी की खबर है जो अपने राज्यों की ओर रुख करना चाहते हैं।कोरोना लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक समेत कई लोग अभी फंसे हुए हैं। सरकार की तरफ से ये गाइडलाइंस ऐसे वक्त पर आई है जब दूसरी बार बढ़ाए गए लॉकडाउन की अवधि तीन मई को समाप्त होने जा रही है लेकिन देश के कई हिस्सों से अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीँ मंत्राले के इस आदेश के बाद उम्मीद की जा रही है कि अभी स्थिति सामान्य होने तक देश में तीसरी बार लॉक डाउन बढ़ाया जा सकता है।
बुधवार को भारत सरकार ने राज्यों व केन्द्र शासित राज्यों के क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए अंतरराज्यीय यात्रा की सुविधा के लिए एक नया आदेश जारी किया है। गृह मंत्रालय के इस नए आदेश के अनुसार, सभी व्यक्तियों को चिकित्सकीय रूप से जांच के बाद इ घर पहुंचाने से पहले उन्हें क्वरंटाइन किये जाने अनिवार्य किया गया है।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार COVID – 19 से लड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन प्रतिबंध के परिणामस्वरूप, देश में विभिन्न स्थानों पर प्रवासी मज़दूर, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य व्यक्ति फंसे हुए हैं। अब, केंद्र ने सड़क से इन फंसे हुए लोगों के स्थानांतरण की अनुमति दी है। संबंधित राज्यों द्वारा एक दूसरे से परामर्श करने और पारस्परिक रूप से सहमत होने के बाद उन्हें एक से दूसरे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के बीच स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाएगी।
इस बात पर बल दिया गया है कि उनके गंतव्य पर पहुंचने पर, ऐसे व्यक्ति (ओं) का मूल्यांकन स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किया जाए, और उन्हें होम क्वारंटाइन में रखा जाए, जब तक कि आकलन के लिए व्यक्ति को इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन में रखने की आवश्यकता न हो। इसके अलावा, उन्हें समय-समय पर स्वास्थ्य जांच के साथ रखा जाए।
इस प्रयोजन के लिए, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे ऐसे व्यक्तियों को आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें जिनके माध्यम से उनकी स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी रखी जा सके और ज़रूरत पडने पर उनका पता लगाया जा सके।
गृह मंत्रालय की संशोधित गाइडलाइंस में आइए जानते है क्या …
1-सभी राज्य और केन्द्र शासित राज्य नोडल अधिकारी की नियुक्ति करे जो सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। इतना ही नहीं राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों में पहुंचने वाले लोगों का ब्यौरा भी रखा जाए।
2-अगर फंसे हुए समूह में लोग एक राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश से दूसरे राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश जाना चाहते हैं तो भेजने वाले और जिस राज्य में वह समूह जा रहा है दोनों राज्य एक दूसरे की आपसी सहमति के साथ सड़क के जरिए भेज सकते हैं।
3- किसी भी व्यक्ति को भेजने से पहले उसकी स्क्रीनिंग की जाए और अगर वह पूरी तरह ठीक पाया जाए तो ही उसे भेजने की मंजूरी दी जाए।
4-प्रवासी मजदूरों, यात्रियों और छात्रों को समूह में सिर्फ बस से ही भेजा जाए। भेजने से पहले बस सेनेटाइजेशन कराया जाए। इतना ही नहीं यात्रा के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए।
5-रास्ते में पड़ने वाले राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश उस राज्य के लिए रास्ता देंगे जहां पर ये गाड़ी जा रही है।
6-जब कोई शख्स अपने गंतव्य तक पहुंच जाएगा तो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की यह जिम्मेदारी है कि उसे होम क्वारंटाइन में रखे। इस दौरान उसके हेल्थ चेकअप किए जाए। उस व्यक्ति को अरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करने के उत्साहित किया जाए ताकि उसके हेल्थ स्टेटस पर नजर बनाई रखे जा सके और साथ ही उसे ट्रैक किया जा सके।