TEMPLES

इस बार अभी भी बर्फ में पूरी तरह ढके हैं हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर

 सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब व हिंदुओं के तीर्थ लोकपाल पर पड़ा कोरोना महामारी का असर

प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। हेमकुंड साहिब-लोकपाल तीर्थ अभी भी बर्फ से लबालब। अटलाकोडी से हेमकुंड साहिब तक पाॅच से दस फीट तक बर्फ की मोटी चादर बिछी है। हेमकुंड साहिब व लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी तय नही हो सकी है।
कोरोना महामारी का असर सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब व हिंदुओं के तीर्थ लोकपाल मे भी पडा हैं। यहाॅ विगत वर्षो तक कभी 25मई व कभी एक जून तक हर हाल मे दोनो तीर्थ व धामों के कपाट खुल जाते थे। और इससे पूर्व सेना के जवान घाॅघरिया से लेकर हेमकुंड साहिब के मार्ग तक कई फीट ग्लेशियर की चटटानों को काटकर मार्ग आवाजाही के लिए तैयार कर देते थे , लेकिन इस बार कोविड-19 के कारण ना तो सेना को ही मार्ग खोलने के निर्देश हो सके और ना ही दोनो धर्मस्थलों के कपाट खुलने की तिथि मुकर्रर हो सकी है।
बीते रोज गोविंदधाट व पुलना से एक चार सदस्यीय दल नेे हेमकुंड साहिब मैनजेमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह की अगुवाई मे हेमकुंड साहिब तक का निरीक्षण किया। कई हिमखंडों को पार करते हुए यह दल हेमकुंड साहिब पंहुचा। हेमकुंड से लौटने पर श्री सेवा सिंह ने बताया कि अटलाकोडी से लेकर हेमकुंड साहिब तक करीब पाॅच से लेकर दस फीट तक बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है। इसके अलावा इस मार्ग पर ही 20 से 25फीट ऊॅचाई के ग्लेशियर की चटटान भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि यदि कोरोना महामारी का प्रकोप नही होता तो सेना के जवान अब तक मार्ग आवाजाही के लिए तैयार कर लेते।
मुख्य प्रबंधक श्री सेवा सिंह के अनुसार अभी हेमकुंड साहिब के कपाट खोलने व यात्रा शुरू करने को लेकर कोई तैयारी नही है। कोविड -19 के कारण जो भी दिशा निर्देश सरकार से प्राप्त होगे उसी के अनुरूप हेमकुंड साहिब के कपाट खोलने व यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया जा सकेगा।
श्री सेवा सिंह के अगुवाई मे हेमकुंड साहिब-लोकपाल पंहुचे दल मे गुरूद्वारा गोविंदघाट के एक सेवादार के अलावा भ्यूॅडार के पूर्व प्रधान विजेन्द्र सिंह चौहान व प्रकृति प्रेमी रघुबीर सिंह चौहान शामिल थे। सभी सदस्यों ने गुरूद्वारा हेमकुंड साहब मे मत्था देकर व भगवान लक्ष्मण मंदिर मे पूजा/अर्चना कर विश्व को कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए प्रार्थना की।

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