सावधान, खुद बचने के लिए राजेश को बना दिया बलि का बकरा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : खुद को उत्तराखंड और उत्तराखंड के युवाओं का हितैषी बताने वाला शख्स चंगुल में फंसने वालों का भरपूर इस्तेमाल करता है। राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार राजेश शर्मा इसका उदाहरण है। पहले तो राजेश के सरकार के खिलाफ जहर उगलवाया और अब अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत में सारा दोष उसी पर लगा दिया। अगर अब भी उत्तराखंड के युवा नहीं समझे तो यह व्यक्ति उनका इसी तरह से इस्तेमाल करता रहेगा।
अपने अखबार व अन्य माध्यम से सरकार के खिलाफ अभियान चलाने वाले राजेश शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसमें शातिर उमेश कुमार, अमृतेश और पर्वतजन के पत्रकार भी आरोपी है। गिरफ्तारी से बचने के लिए बड़े वकीलों के माध्यम से अदालत की शरण ली और गिरफ्तारी पर रोक हासिल कर ली। अहम बात यह है कि गिरफ्तारी पर रोक का आदेश लेने के लिए उमेश ने राजेश को ही बलि का बकरा बना दिया।
उमेश की ओर से वकीलों ने अदालत को बताया कि व्हाट्सएप पर राजेश की ही अमृतेश से बातचीत हुई। तमाम बातचीत भी राजेश ने ही की। इसमें उसका कोई रोल नहीं है। इसके बाद भी उसे आरोपी बना दिया गया है। बताया जा रहा है कि अदालत ने इसी आधार पर उमेश की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
अब राजेश लंबे समय से जेल में बंद है और ये शातिर खुला घूम रहा है। अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिए तुरंत हाईकोर्ट में बड़े वकील लगा दिए। और राजेश की जमानत करने के लिए अब तक कुछ नहीं किया। किसी व्यक्ति को मोहरा बनाकर उसका इस्तेमाल करने का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है। इस शातिर ने युवाओं किसी न किसी तरह से अपने चंगुल में फांस रखा है। इनका इस्तेमाल सरकार के खिलाफ साजिश रचने में करता है। अगर राजेश के मामले के बाद भी युवा सतर्क नहीं हुए तो ये शातिर मौका आने पर उनका भी इसी तरह से इस्तेमाल करता रहेगा।
गौरतलब हो कि इससे पहले भी यह शख्स पहाड़ के भोले-भाले युवाओं को सरकार के खिलाफ़ अनाप-शनाप बकवास करने को उकसाता रहा और जब मामलों पर पुलिस कार्रवाही शुरू हुई तो यह खुद किनारा कर युवाओं को मझधार में छोड़ गया। यही कारण है पहाड़ के युवाओं का अब इसके ऊपर से भरोसा उठ गया है और अब उन्हें यह समझ में भी आने लगा है कि यह शख्स अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही केवल उनका उपयोग कर रहा है।