तीस दिनों में त्रिवेन्द्र सरकार की तीस से अधिक उपलब्धियां
एक माह में छुई सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं
राजेन्द्र जोशी
देहरादून : प्रदेश के मुख्यमंत्री की बागडोर संभाले त्रिवेन्द्र रावत को एक माह हो चुका है राज्य सरकार ने सूबे में जीरो टालरेंस आॅन करप्शन के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता दिखाई गयी है। तो वहीँ एन.एच.-74 भूमि मुआवजा घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही चार पी.सी.एस सहित दो अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी निलंबित। कई अन्य मामलों में भी बहुत से अधिकारियों पर कार्यवाही की गई।
वहीँ खनन माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है। जिलाधिकारियों व पुलिस अधिकारियों व वन विभाग के अधिकारियों को अवैध खनन के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। अवैध खनन में संलिप्त लोगों की वाहनों सहित बड़ी संख्या में धरपकड़ की जा रही है। रामनगर में वन कर्मी को माफिया द्वारा मारे जाने पर चार घंटे में आरोपी व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है । जबकि संबंधित वन अधिकारियों को साथ के मुख्यालयों से अटैच किया गया है।
हालाँकि त्रिवेन्द्र सरकार सूबे में बेचने के पक्ष में नहीं है और धीरे-धीरे शराब से प्राप्त राजस्व पर निर्भरता कम करने की कोशिश में है , लेकिन शराब के बराबर राजस्व के लिए अन्य विकल्प भी खोजे जा रहे हैं ताकि राज्य की आर्थिकी पर कोई बुरा प्रभाव भी न पड़े। यही कारण है कि सरकार ने शराब को हतोत्साहित करने की नीति अपनाई है। शराब की दुकानें दोपहर के 3 से 9 बजे तक केवल 6 घंटों के लिए खुलेंगी। ।
राज्य सरकार लोकायुक्त एक्ट लागू करने के लिए वचनबद्ध। विचार के लिए प्रवर समिति को दिया गया। तो वहीँ ट्रांसफर एक्ट भी लागू किया जाएगा। फुलप्रूफ बनाने के लिए प्रवर समिति को दिया गया।ताकि जनसहभागिता से राज्य में यह दोनों कानून लागू हो सकें।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान को प्रदेश में आगे बढ़ाया जा रहा है। 20 मार्च को प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री सहित पूरी केबिनेट द्वारा स्वच्छता अभियान चला कर प्रदेश की जनता को संदेश देने का प्रयास किया गया है।
मई माह के अंत तक 100 प्रतिशत (ओडीएफ) खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य अधिकारियों को दिया गया है। वहीँ त्रिवेन्द्र सरकार ने राज्य की नदियों व अन्य स्थलों को दुर्गंध रहित बनाया जाएगा। बनाने के लिए एक नया प्रयोग कि सहस्त्रधारा रोड़ स्थित डम्पिंग ग्राउंड में इसका सफल प्रयोग किया गया। एक विशेष जैविक पदार्थ का छिड़काव किया जाता है।
राज्य में निर्मल गंगा अभियान को प्रदेश में तेजी से आगे ले जाया जा रहा है। मां गंगा की निर्मलता के लिए देश भर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। हम नमामि गंगा मिशन को और अधिक तेजी व दृढ़ता के साथ आगे ले जाएंगे। उत्तरकाशी में भागीरथी (गंगाजी) के किनारे संचालित मीट की अवैध दुकानों को निरस्त करने की कार्यवाही शुरू हो गई है।
प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है, राजधानी में कई ऐसे अवैध बूचड़खाने बंद भी किये जा चुके हैं। वहीँ गौ वंश संरक्षण के लिए बने कानून को जमीन पर गहराई के साथ उतारा ताने के प्रयास किये जा रहे हैं ।
सोलह वर्ष से अधिक समय हो जाने के बाद भी उत्तरप्रदेश के साथ प्रकरण लम्बित हैं। वर्तमान में उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश सरकारों की सकारात्मक मंशा है। केंद्र सरकार का भी सहयोगी रूख है। यूपी के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के साथ बैठक बहुत ही सकारात्मक रही है। लम्बित प्रकरणों को समयबद्ध तरीके से सुलझा लिया जाएगा।
सिस्टम को व्यवस्थित करने का प्रयास किया जा रहा है। हमारी सरकार ‘वन मैन शो’ के स्थान पर ‘कलेक्टीव रेस्पोंसबिलिटी’ पर आधारित है। माननीय मंत्रिगण अपने-अपने विभागों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।
त्रिवेन्द्र सरकार ने निर्णय लिया है कि केबिनेट की बैठक प्रत्येक माह के दूसरे व चौथे बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे आयोजित की जाएंगी। बैठक का एजेंडा मंत्रिगणों को बैठक की तिथि से एक सप्ताह पूर्व उपलब्ध करवा दिया जाएगा। संबंधित विभाग परामर्शी विभागों के परामर्श उपरांत विभागीय मंत्री के अवलोकन पश्चात, बैठक की तिथि से 10 दिन पूर्व पत्रावली टिप्पणी सहित गोपन विभाग को अनिवार्य रूप से भेंजेंगे।
राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए फिजूलखर्ची को रोकने व आय के स्त्रोतों को विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसकी एक कार्ययोजना बनाकर प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। हमारा प्रयास कि उत्तराखण्ड आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके। टैक्स चोरी को रोकने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
राज्य में इन्वेस्टर फ्रेंडली पाॅलिसी के तहत काम किया जा रहा है। ‘इज आॅफ डूइंग बिजनेस’ में रैंकिंग को और सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। कोशिश है कि यहां से उद्योगों का पलायन न हो और विभिन्न क्षेत्रों में नया निवेश भी आ सके। इसके लिए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से सम्पर्क किया जा रहा है। मलेशिया सरकार के एक प्रतिनिधिमण्डल से सकारात्मक वार्ता हुई है।
पोलैण्ड के ओपोले प्रान्त के साथ मिलकर योग व आयुर्वेद के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए शीघ्र ही स्टेट टू स्टेट समझौता किया जाएगा। तो वहीँ चीन व थाईलैंड के साथ मिलकर राज्य में कई उद्योग लगाए जाने की योजना है जिससे पलायन तो रुकेगा ही वहीँ रोजगार के नए साधन भी उपलब्ध होंगे।
कानून व्यवस्था में सुधार के लिए फील्ड पुलिसिंग को और अधिक सक्रिय किया गया है। ड्रग्स माफिया व भू माफिया पर शिकंजा कसा जा रहा है। जमीनों के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए फुल प्रूफ सिस्टम विकसित किया जा रहा है।
पलायन पर केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। समिति ने अपना काम शुरू भी कर दिया है। पर्यटन व हॉर्टीकल्चर के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है । वहीँ कागजी अखरोट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चैबटिया व टिहरी में मगरा को माॅडल फार्म के तौर पर विकसित किया जाएगा।
वहीँ त्रिवेन्द्र सरकार की महत्वकांशी सड़क परियोजना पर सूबे के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत जुटे पड़े हैं वे इस योजना को हर हाल में इस वर्ष पूरा करने के प्रयास में हैं ,इससे गढ़वाल व कुमायूं की दूरी 100 किलोमीटर कम हो जाएगी की गढ़वाल व कुमायूं की कनेक्टीवीटी के लिए कंडी मार्ग को खोलने के लिए हर स्तर पर हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।
वहीँ सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनरों को नकद रहित चिकित्सा सुविधा के लिए यू-हेल्थ अनिवार्य किया जा रहा है। डिजीधन को प्रदेश में भी प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्य कर्मचारियों को ‘आधार बेस्ड भीम एप’, ‘ई-मनी’, ‘के्रडिट कार्ड’ आदि के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकि पहले लैस कैश व फिर कैश लैस की दिशा में आगे बढ़ सकें।
आगामी चारधाम यात्रा के संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं चाक चैबंद की गई हैं। यात्रियों के रजिस्ट्रेशन, सड़क, पेयजल, विश्राम गृहों, चिकित्सा आदि आधारभूत सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है। ऋषिकेश में इस बार चार धाम के महत्व को बताने वाले ‘लाईट एंड साउंड शो’ की व्यवस्था की गई है।
उत्तरकाशी में गोविंद पशु विहार व गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क हेतु आॅन लाईन एंट्री परमिट जारी करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम ‘‘पथिक’’ शुरू किया गया है। इससे पर्यटकों को सुविधा होगी। अन्य जिलों में भी इसका विस्तार किया जाएगा।
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर टूरिज्म, होम स्टे व ‘एपिक सर्किट’ विकसित करने पर विशेष फोकस। मेडिकल टूरिज्म को विकसित करने के लिए हैल्थ रिजाॅर्ट्स और योग तथा आयुर्वेद आधारित केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
दिसम्बर 2017 तक सभी गैर विद्युतीकृत गांवों को बिजली उपलब्ध करा दी जाएगी। वहीँ वर्ष 2019 तक पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। वर्ष 2022 तक राज्य के प्रत्येक नागरिक को अपना घर का सपना पूरा किया जाएगा। वहीँ 8 मार्च से 20 अप्रैल 2017 की अवधि में 123.90 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को किया गया है।
उत्तराखण्ड में चारधाम आॅल-वेदर रोड़ के पहले फेज के तहत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 1700 करोड़ रूपये के कार्य आवंटित कर दिए गए है। साथ ही करीब करीब 4000 करोड़ रूपये के कार्य पाईप लाईन में है। 12 हजार करोड़ रूपये की लागत से 900 किलोमीटर सड़क बननी है। परियोजना को 2020 तक पूरा किया जाना है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट के काम में तेजी लाई गई है। प्रोजेक्ट को समय से पूरा किया जा सके, इसके लिए लगातार अनुश्रवण किया जा रहा है।
वहीँ स्वच्छ गंगा अभियान(नमामि गंगे) में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति ने करीब 19 अरब रूपये लागत की 20 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। इन परियोजनाओं में 13 परियोजनाएं अकेली उत्तराखण्ड की है।
विदेश मंत्रालय की ओर से शरू की गई डाक घर पासपोर्ट सेवा केंद्र के पहले चरण में उत्तराखण्ड को तीन सेवा केंद्र आवंटित किए गए हैं। इसके तहत राज्य के नैनीताल, हल्द्वानी व अल्मोड़ा जिलों में स्थित डाकघरों में यह योजना लागू की जाएगी।
देहरादून जिले में स्थित 300 मेगावाट का लखवाड़ मल्टीपरपज प्रोजेक्ट के वाटर कम्पोनेेंट (2578.23 करोड़ रूपए) का 90 प्रतिशत का वहन केंद्र सरकार द्वारा किया जाना है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमाभारती जी द्वारा केंद्र से धनराशि जल्द निर्गत किए जाने के प्रति आश्वस्त किया गया है।
राज्य में आई.आई.टी की तर्ज पर एक सेंट्रल प्लास्टिक इंजीनियरिंग टेक्नोलोजी इंस्टीट्यूट स्थापित की जाएगी। इस संबंध में स्वयं केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार द्वारा जानकारी दी गई है।
उत्तराखण्ड में 100 जन औषधि केंद्र खोले जायेंगे, जहां काफी कम कीमत पर दवाईयां उपलब्ध होंगी। राज्य में युवाओं को रोजगार के लिए अलग से रोजगार सृजन एवं कौशल विकास मंत्रालय की स्थापना का निर्णय।
वहीँ सचिवालय में फाईल मूवमेंट का मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया जा रहा है।
जौलीग्रांट हवाई अड्डा का विस्तारीकरण करते हुए उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है।