प्रदेश के तीसरे किसान ने भी कर्ज वसूली का नोटिस मिलते ही मौत को लगाया गले

किसान ने कर्ज वसूली का नोटिस मिलने के बाद सदमे में आकर की आत्महत्या
सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बैंकों को निर्देश कि कर्ज वसूली में सख्ती न बरतें
देहरादून : 10 लाख से भी अधिक के कर्जे को लेकर परेशान किसान ने जहर खाकर जान दे दी। उत्तराखंड में किसान द्वारा आत्महत्या का यह तीसरा मामला है। इससे पहले पिथौरागढ़ व उधमसिंह नगर जिले में ऐसे दो मामले सामने आ चुके हैं।
कर्ज के बोझ तले दबे किसान ने ज़हरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। गंभीर हालत में परिजन किसान को उपचार के लिए चिकित्सालय ले गए। जहां चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पीएम के लिए काशीपुर भेज दिया है। जानकारी के मुताबिक बुधवार की सुबह थाना केलाखेड़ा के अंतर्गत आने वाले गांव बांसखेड़ी निवासी किसान बलविंदर सिंह (38) पुत्र मलूख सिंह ने ज़हरीला पदार्थ खा लिया। परिजनों का आरोप है कि उस पर लगभग 22 लाख का कर्ज था। जिसकी वसूली के लिए बैंक से उसे नोटिस मिला था। बैंक के नोटिस से सदमें में आने की वजह से उसने आत्महत्या की है। जहर खाकर जाने देने वाले किसान बलविंदर की 13 साल के एक बेटी व 4 माह का एक बेटा है।
कर्ज अदायगी का अंतिम नोटिस किसान के घर पहुंचते ही काश्तकार के दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। किसान ने अपने भतीजे के संयुक्त खाते के साथ बैंक कर्ज लेकर दो साल पहले खेती करने के लिए ट्राली ली थी। इसके लिए उसने उत्तराखंड ग्रामीण बैंक से सवा दो लाख रुपये का कर्ज लिया था। मौत के 3 दिन पहले ही उसे बैंक का नोटिस मिला था।
इस घटना से पहले ग्राम बिरिया भूड़ नानकमत्ता के निवासी 70 वर्षीय मस्सा सिंह पुत्र गुरमीत सिंह ने अपने भतीजे जगजीत सिंह के साथ मिलकर वर्ष 2015 में सितारगंज स्थित उत्तराखंड ग्रामीण बैंक से दो लाख 25 हजार का कर्ज लिया था। मृतक के भतीजे जगजीत सिंह ने बताया कि तीन दिन पहले डाक के जरिये बैंक का नोटिस घर पहुंच था।
वहीँ एक अन्य घटना के तहत बेरीनाग तहसील के पुरानाथल गांव के सरतोला तोक निवासी सुरेंद्र सिंह (60) पुत्र राम सिंह ने पांच वर्ष पूर्व साधन सहकारी समिति पुरानाथल से कृषि कार्य के लिए 75 हजार रुपये का कर्ज लिया था। इसके बाद उसने ग्रामीण बैंक बेरीनाग से चार वर्ष पूर्व 50 हजार रुपये का ऋण लिया। मेहनत मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे किसान सुरेंद्र ने दो रोज पूर्व पुरानाथल कस्बे में कई लोगों को बताया था कि लोन जमा करने के लिए बैंक से दबाव बनाया जा रहा है। उसे नोटिस थमाया गया है।
वहीँ किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं पर सूबे के सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे कर्ज वसूली में सख्ती न बरतें। सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बाजपुर में किसान की आत्महत्या पर गहरा दुःख व्यक्त किया। विकास भवन अल्मोड़ा में जिला योजना की समीक्षा बैठक में पहुंचे सहकारिता मंत्री ने कहा कि कर्ज में डूबे किसान की मौत पर उन्हें ही नही, सरकार को भी दुख है। इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमने बैंको से साफ लफ्जों में कहा है कि कर्ज वसूली में किसी तरह की सख्ती न बरतें और न ही किसान पर इस तरह का दबाव बनाए कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को विवश हो।
उधर, किसान की मौत के मामले में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि मामले की जांच के बाद ही स्थिति साफ होगी। इस मामले को कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने संदिग्ध बताते हुए जांच की बात कही है।