CAPITAL
प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में सौर ऊर्जा में 800 करोड़ का निवेश

-
परियोजनाओं से मिलेगा लगभग 850 लोगों को रोजगार
-
खाली खेतों में होगा हरित ऊर्जा का उत्पादन
-
ऊर्जा के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनने की दिशा में बढ़े कदम

देहरादून : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में राज्य के 208 स्थानीय उद्यमियों को 600 करोड़ की 148.85 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के आंवटन पत्र वितरित किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही 200 करोड़ की 52 मेगावाट की अन्य परियोजनायें भी स्थानीय विकासकर्ताओं को आवंटित की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने ऐसे प्रयासों को पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताते हुए बिना कृषि के बंजर होते खेतों के लिये सौर ऊर्जा परियोजना को वरदान बताया। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों का आर्थिक विकास राज्य आन्दोलन के मूल में रहा है। सौर ऊर्जा के विकास में भागीदार बने लोग भी राज्य बनने के मूल में रहे हैं। आज वे लोग राज्य के आर्थिक विकास के वाहक बने हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा पर्यावरण के अनुकूल है। इस प्रकार वे हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने वाले भी बने हैं, उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से प्रति उद्यमी को औसतन 66.5 लाख की वार्षिक आय होगी, जबकि लगभग 850 लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी को भी सुखद बताया है। उनका कहना है कि हमारी शिक्षित महिलाओं का आर्थिक रूप से मजबूत होना राज्य व समाज के हित में है। राज्य की महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में हो इसके प्रयास किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत आमंत्रित निविदा के सापेक्ष उक्त 208 अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है। उल्लेखनीय है कि अभ्यर्थियों द्वारा उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग द्वारा सोलर पावर प्लान्ट से उत्पादित विद्युत हेतु निर्धारित विद्युत विक्रय दर रू0 4.73 प्रति यूनिट की सीमा के अर्न्तगत अपने आवेदन प्रस्तुत किये गये थे। संयत्रों को आवंटन न्यूनतम दर दाता अभ्यर्थियों को किया गया है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध मेंन्यूनतम दर रू0 3.30 प्रति यूनिट तथा अधिकतम दर रू. 4.71 प्रति यूनिट पायी गई। संयत्रों की स्थापना विकासकर्ताओं द्वारा अपने वित्तीय संशाधनों से पूर्ण करायी जायेगी जिससे राज्य में निजी क्षेत्र में लगभग 600 करोड़ रूपये का निवेश होगा। आवंटित किये जाने वाले इन संयत्रों की क्षमता 100 किलोवाट से 5000 किलोवाट तक के मध्य है। जिनकी कुल सम्मिलित क्षमता 148.85 मेगावाट है। 1000 कि0वा0 क्षमता के संयंत्र से प्रति वर्ष लगभग 14.00 लाख यूनिट विद्युत का उत्पादन होता है जिसको आगामी 25 वर्षों तक क्रय किये जाने हेतु यू0पी0सी0एल0 द्वारा पावर परचेज एग्रीमेटन हस्ताक्षरित किये जायेंगे। Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.