UTTARAKHAND
उत्तराखण्ड के विकास के लिए ”सरकार” ने किया मंथन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर आयोजित मंथन में मंत्रियों और विधायकों ने किया गहन विचार-विमर्श
मंत्रियों ने तीन वर्ष की उपलब्धियों के साथ ही भावी कार्ययोजना रखी
विधायकों ने अपने क्षेत्र की आवश्यकताओं से अवगत कराने के साथ दिए सुझाव
अलग विभाग बनेगा प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
मंथन में लिए गए पांच प्रमुख निर्णय
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मौके पर पांच प्रमुख निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पलायन रोकने के साथ ही इस समय रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में भी काम कर रही है। पलायन आयोग ने भी इस बात का जिक्र किया है कि प्रवासी उत्तराखंडी प्रदेश में निवेश करने को इच्छुक हैं।
इसे देखते हुए प्रवासी उत्तराखंडियों की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए अलग विभाग खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष प्रदेश में कुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है।
हरिद्वार में इस दौरान कई साधु-संत अपना शरीर भी त्याग कर देते हैं। अमूमन इनके शरीर को गंगा में ही प्रवाहित कर दिया जाता है। सरकार ने संत समाज से इस संबंध में वार्ता की है। अब व्यवस्था यह बनाई जा रही है कि साधु-संतों को ससम्मान समाधि दी जा सके। इसके लिए हरिद्वार में समाधि स्थल बनाया जाएगा, जिसके लिए जमीन सरकार मुहैया कराएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 तक प्रदेश के हर गांव तक सड़क पहुंचाने का भी निर्णय लिया है। इस समय कई गांव ऐसे हैं जो सड़क से छूटे हुए हैं। इन तक सड़क पहुंचाई जाएगी।
इसके अलावा प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु के निराश्रित युवाओं को गलत मार्ग पर भटकने से रोकने के लिए सरकार वात्सल्य योजना लेकर आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला एक राष्ट्रीय पर्व बन चुका है।
इस पर्व पर पूरे प्रदेश में 16 जुलाई को एक ही दिन पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर हरेला पर्व पर अवकाश भी घोषित किया जाएगा। प्रदेश में शिशु, बाल व मातृ मृत्यु दर में काफी कमी आई है और लिंगानुपात बढ़ा है।