”अतिथि देवो भव” की परम्परा केदार यात्रा मार्ग पर हो रही बदनाम

घोड़े-खच्चरोंवालों की बदसलूखी और दुर्वव्यवहार से यात्रियों के मन को पहुँच रही ठेस
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा अपने चरम पर है और यात्रा शुरू हुए एक सप्ताह का समय भी हो चुका है, मगर यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की बदसलूखी से यात्री परेशान हैं। घोड़े-खच्चर संचालक यात्रियों से अवैध पैंसा वसूल रहे हैं और उन्हें गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग के बीच रास्ते में ही छोड़ रहे हैं। ऐसे में कुछ तीर्थ यात्रियों ने घोड़े-खच्चर संचालकों को पकडक़र सबक भी सिखाया।
केदारनाथ यात्रा का आगाज हुए एक सप्ताह का समय हो गया है और अब तक यात्रा का आंकड़ा चालीस हजार के पार जा चुका है। यात्रा बेहतर चलने से जहां जिला प्रशासन में खुशी देखने को मिल रही है, वहीं इस बार यात्रा मार्ग से जुड़े व्यापारियों के चेहरों में भी चमक बनी है। लेकिन सबसे बड़ा दुख का विषय यह है कि केदार यात्रा के पैदल पड़ाव पर यात्रियों को दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। ”अतिथि देवो भव:” की परम्परा से जाने जानी वाली देवभूमि बदनाम हो रही है। आपदा को पूरे चार साल का समय गुजर चुका है और अब जाकर यात्रा अपने पुराने ढर्रे पर आ रही है, मगर घोड़े-खच्चरों की बदसलूखी और दुर्वव्यवहार से यात्रियों के मन को ठेस पहुंच रही है। ऐसे में क्या देश-विदेश से आये तीर्थयात्री यहां से अच्छा संदेश लेकर जायेंगे।
केदारधाम आने तीर्थयात्रियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। देश-विदेश से हर दिन हजारों की संख्या में तीर्थ यात्री बाबा के दरबार में पहुंच रहे हैं। बाबा केदार का धाम श्रद्घालुओं की आस्था का प्रतीक है और ग्रीष्मकाल में लाखों की संख्या में श्रद्घालु यहां पहुंचकर बाबा का आशीर्वाद लेते हैं। इन दिनों यात्रा अपने चरम पर है और श्रद्घालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है, मगर घोड़े-खच्चर संचालक यात्रियों को आधे रास्ते में ही छोड़ रहे हैं और मनमाना किराया वसूल रहे हैं। जब इसकी शिकायत की जा रही है तो ये संचालक यात्रियों से तू-तू, मैं-मैं कर बदसलूखी कर रहे हैं। बड़े उत्साह से यात्री धाम पहुंच रहे है, मगर उनका उत्साह तब कम हो रहा है जब उनके साथ अभद्रता की जा रही है। ‘
महाराष्ट्र से आये सतीश कौशिक, चन्द्र सिंह, शशिकांत ठाकुर, देवेन्द्र ठाकुर ने कहा कि गौरीकुंड से केदारनाथ का चौदह सौ रूपये किराया दिया, लेकिन घोड़ा-खच्चर संचालक ने बेस कैंप में ही छोड़ दिया। आगे जाने के लिए कहा तो दुव्र्यवहार से बात करने लगा और गाली-गलौच तक करने लगा। कहा कि देवभूमि में ऐसे लोग भी रहते हैं, अब जाकर पता चला।
वहीं जिलाधिकारी रंजना वर्मा का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली है कि कुछ घोड़े-खच्चर संचालक यात्रियों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं कर रहे हैं। ऐसे में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को निर्देश दिये गये हैं और पुलिस व पीआरडी के जवानों को निगरानी रखे जाने को कहा गया है। केदारनाथ यात्रा पूरे चार साल बाद अपने पुराने स्वरूप में नजर आ रही है और यात्रा को लेकर लग रहा है कि इस बार आंकड़ा पांच लाख के पार जा सकता है, मगर यात्रियों से हो रही बदसलूखी से देश-विदेश में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। कहीं ना कहीं इसका असर यात्रा को भी प्रभावित कर सकता है।