DEHRADUNUTTARAKHAND

पूर्ति विभाग 72 वर्षीय बुजुर्ग सरस्वती को राशन देने में कर रहा था आनाकानी; फिर शुरू हुआ डीएम का एक्शन

 

जब 3 व्यस्क शादीशुदा पुत्रों के होते हुए भी राशन विहीन 72 वर्षीय बुजुर्ग सरस्वती पंहुची कलेक्ट्रेटः और सुनाई डीएम को अपनी व्यथाः

03 पुत्रों में से जब बुजुर्ग मॉ संग रह रहा 1 आखिरी पुत्र भी हुआ अपने परिवार संग अलग; तो मॉ सरस्वती की राशन पूर्ति भी हो गई ठप्पः

पूर्ति विभाग 72 वर्षीय बुजुर्ग सरस्वती को राशन देने में कर रहा था आनाकानी; फिर शुरू हुआ डीएम का एक्शन

कलेक्टेªट की चिरपरिचित कलम चलने से पहले;बुजुर्ग महिला तक दौड़े-दौड़े पहुंचे आपूर्ति विभाग के अधिकारी; चंद घंटों में हुआ राशन कार्ड आपूर्ति बहाल;

महीनों से परेशान बुजुर्ग सरस्वती; गत दिवस पंहुची डीएम समक्ष;

बुजुर्ग, महिला, बच्चों, असहाय का शोषण तिरस्कार होगा दण्डनीयः डीएम

देहरादून : जुलाई 2025( सू वि), जिलाधिकारी सविन बंसल के सम्मुख 15 जुलाई को अजबपुर निवासी एक 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला सरस्वती देवी ने अपनी गुहार लगाई कि पूर्ति विभाग उनका राशन देने में आनाकानी कर रहा है। बुजुर्ग सरस्वती ने जिलाधिकारी को बताया कि उनके 3 पुत्र हैं जो सभी अपने-अपने परिवार संग अलग-अलग रहते हैं। वह अपना गुजारा अपनी विधवा पेंशन से चलाती हैं। उन्होंने डीएम को बताया कि राशन डीलर पूर्ति विभाग की सूची में नाम न होने का कारण बताकर राशन नहीं दे रहा है, जबकि पूर्व में उसे राशन मिलता था। उसने डीएम से राशन दिलाने की गुहार लगाई।

जिस पर डीएम ने पूर्ति अधिकारी को तलब करते हुए तत्काल वस्तुस्थिति से अवगत कराने तथा महिला को राशन दिलाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी तक मामला पहुंचते ही पूर्ति विभाग के अधिकारी/ कार्मिकों के हाथ पांव फूल गए, कलेक्टेªट की कलम चलने से पहले ही पूर्ति विभाग के अधिकारी/कार्मिक दौड़े-दौड़े बुजुर्ग महिला तक पहुंचे तथा बजुर्ग महिला का राशन कार्ड बहाल करते हुए उसी दिन 15 जुलाई को ही उनके कोटे का खाद्यान्न दिलाया। वहीं डीएम की सख्त चेतावनी है कि बुजुर्ग, महिला, बच्चों, असहाय का शोषण तिरस्कार होगा दण्डनीय है, इस प्रकार के मामले क्षम्य नही होंगे।

जिलाधिकारी अपने कार्यालय कक्ष में प्रतिदिन जनमानस की समस्याएं सुनते हैं तथा उनका निस्तारण हेतु संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हैं। जिलाधिकारी प्राप्त होने वाली शिकायतों की स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं तथा उनके निस्तारण आख्या संबंधित विभागों के अधिकारियों से प्रतिदिन प्राप्त की जाती हैं।

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