UTTARAKHAND
बिजली चोरी रोकने के लिये प्रदेश सरकार ने की ऊर्जागिरी की शुरूआत


देहरादून : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में बिजली चोरी तथा लाइन लॉस को रोकने के लिये व्यापक जन-जागरूकता के प्रसार पर बल दिया है। गांधी जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में ऊर्जा की बचत तथा राजस्व वृद्धि के लिये बिजली चोरी रोकने के लिये ऊर्जा गिरी अभियान का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री ने बिजली चोरी रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों में तेजी लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता के लिये इस अभियान के रूप में एक अच्छी शुरूआत हुई है। इससे निश्चित रूप से समाज में जागरूकता आयेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ऐसे प्रयासों से ही समाज में जन जागरूकता का प्रचार होता है तथा इसका समाज मे व्यापक प्रभाव भी पड़ता है उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने तथा राजश्व वृद्धि में भी सहायक होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखण्ड को लाइन लॉस व बिजली चोरी रोकने में गुजरात के बाद दूसरा नम्बर है। इस दिशा में हमें समेकित प्रयासों से देश में पहले नम्बर पर आने के प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने स्वच्छता एवं वन टाइम यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने के संबंध में प्रधानमंत्री की अपील को साकार करने में भी योगदान देने की अपील की, उन्होंने कहा कि हमें इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता से हमने पर्यावरणीय मानकों में सुधार की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री ने सामाजिक सुधार एवं सुरक्षा जैसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में गांधी जी एवं शास्त्री जी के साथ ही सरदार पटेल के सिद्धांतो पर अमल करने की भी अपील की। इन महापुरूषों ने समाज को नई दिशा दी है। हमे अपने उद्देश्यों को सामने रखकर उन पर अमल करना होगा जब उद्देश्य सामने होता है तो लोग उनसे जुड़ते हैं।
सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिक झा ने कहा कि गांधी जयन्ती के अवसर पर गांधी गिरी की भांति ऊर्जा गिरी की शुरूआत से एक विचारधारा बनेगी, उन्होंने कहा कि सबके सहयोग से बिजली चोरी व लीकेज में भी इससे कमी आ सकेगी। उन्होंने कहा कि हमें ऊर्जा संरक्षण के लिये माध्यम बनना होगा। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने तथा लाइन लास को कम करने के लिये ऊर्जा निगम द्वारा नियमित रूप से विजिलेंस रेड्स की जा रही है तथा दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत पुलिस थानों तथा स्पेशल न्यायालय में वाद पंजीकृत किये जा रहे हैं। Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.