POLITICSUttarakhand

जोशीमठ की जनता फिर सड़को पर, निकाला मशाल जुलूस

The people of Joshimath again on the streets, took out a torchlight procession

जोशीमठ से विनय की रिपोर्ट। जोशीमठ के विभिन्न हिस्सों में हो रहे भू धसाव से प्रभावित लोग पिछले डेढ़ महीने से तहसील परिसर में बैठकर धरना दे रहे हैं। लोगों की मांग है, की भू कटाव की वजह से जो उनके भवन और भूमि क्षतिग्रस्त हुई है। उसका उचित मुआवजा और स्थाई पुनर्वास दे दिया जाए। निरंतर धरने पर बैठ रहे लोगों के अनुसार सरकार पिछले डेढ़ महीने से मामले को टाल मटोल कर रही है। इसलिए आज सैकड़ों की संख्या में लोग हाथों में मशाल लेकर जोशीमठ की सड़कों पर उतरे और मशाल जुलूस निकाला।

बड़ी ख़बर देहरादून : पूर्व CM हरीश रावत की अचानक बिगड़ी तबीयत

इस दौरान लोगों ने जमकर उत्तराखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और धाकड़ धामी मुर्दाबाद के नारे लगाए। आंदोलन के नेता अतुल सती ने कहा की सड़कों पर उतरी यह भीड़ प्रभावितों की भीड़ है। जिन लोगों के घर इस आपदा का शिकार हुए हैं। उन लोगों की भीड़ है और सरकार के नकारे पन की वजह से लोगों को दूसरी बार अपने हाथों में मशाल लेकर सड़क पर उतरना पड़ा।

बड़ी ख़बर: यहां लागू रहेगी धारा 144, प्रदेश बंद आज, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा

उल्लेखनीय है, कि लगभग एक महीने पहले भी लोग इन्हीं मांगों के लिए हाथों में मशाल लेकर सड़कों पर उतरे थे परंतु स्थिति अभी तक जस की तस बनी हुई है। भूस्खलन से प्रभावित लोगों को अभी तक उचित पुनर्वास और मुआवजा नहीं मिल सका है। जिसके लिए लोगों के मन में गुस्सा है। लोगों ने हाथों में मशाल लेकर सरकार से यह प्रश्न किया कि आखिर उनका स्थाई पुनर्वास और उनकी जमीनों का उचित मुआवजा उनको कब और कितना मिलेगा।

Dev Bhoomi Media

तीन दशक तक विभिन्न संस्थानों में पत्रकारिता के बाद मई, 2012 में ''देवभूमि मीडिया'' के अस्तित्व में आने की मुख्य वजह पत्रकारिता को बचाए रखना है .जो पाठक पत्रकारिता बचाए रखना चाहते हैं, सच तक पहुंचना चाहते हैं, चाहते हैं कि खबर को साफगोई से पेश किया जाए न कि किसी के फायदे को देखकर तो वे इसके लिए सामने आएं और ऐसे संस्थानों को चलाने में मदद करें। एक संस्थान के रूप में ‘ देवभूमि मीडिया’ जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है। खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है। जैसे-जैसे हमारे संसाधन बढ़ेंगे, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव अवश्य दें। आप अपना सुझाव हमें हमारे ई-मेल devbhumi.media@gmail.com अथवा हमारे WhatsApp नंबर +919719175755 पर भेज सकते हैं। हम आपके आभारी रहेंगे

Related Articles

Back to top button
Translate »