DEHRADUN

प्रेमनगर में फिर से अतिक्रमण शुरू होने से सजने लगा बाजार

  • प्रेमनगर से नंदा की चौकी तक के सड़क चौड़ीकरण पर सुस्त
  • आचार संहिता के बाद अतिक्रमणकारियों पर सख्ती से होगी कार्रवाई

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून। हाईकोर्ट के आदेश पर प्रेमनगर बाजार में हटाए गए अतिक्रमण की जगह दोबारा पक्की और कच्ची दुकानें तैयार हो गई हैं। वहीं जिलाधिकारी का कहना है कि प्रेमनगर नगर में किये जा रहे अतिक्रमण पर नजर रखी जा रही है। पहले चुनाव तैयारी और अब  मतदान की गिनती में व्यस्तता के चलते कर्मचारियों की ड्यूटी  व्यवस्थाओं में लगी रही। लेकिन फिर भी मिल रही शिकायतों के बाद एसडीएम सदर से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी जा रही है। हटाए गए अतिक्रमण की जगह यदि दोबारा अतिक्रमण हुआ तो अवश्य कार्रवाई होगी।

लेकिन लोगों का कहना है कि कुछ अधिकारियों की अनेदखी और नेताओं की शह मिलने से मुख्यमार्ग से लगा प्रेमनगर बाजार धीरे-धीरे पुराने स्वरूप में नजर आने लगा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि लोकसभा चुनाव में अधिकारियों की व्यस्तता का अतिक्रमणकारियों ने जमकर फायदा उठाया और चुनाव के  दौरान दोगुनी रफ्तार से अतिक्रमण कर लिया। लेकिन अब अफसर दबी जुबां में कह रहे हैं कि आचार संहिता खत्म होने के बाद अतिक्रमण पर दोबारा कार्रवाई होगी।

गौरतलब हो कि हाईकोर्ट के आदेश पर प्रेमनगर बाजार में 14 सितंबर 2018 को अतिक्रमण पर बड़ी कार्रवाई हुई थी। यहां 150 से ज्यादा छोटे-बड़े अतिक्रमण ध्वस्त किए गए थे। इससे प्रेमनगर का स्वरूप ही बदल गया था और मुख्य मार्ग का अतिक्रमण हटाए जाने से सड़क खाली हो गयी थी जिससे आये दिन लगने वाले जाम से भी लोगों को निजात मिल गयी थी। हालांकि इस दौरान अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की व्यापारियों और वोट बैंक पर नजर रखने वाले नेताओं ने भी खूब विरोध किया। मगर, हाईकोर्ट के आदेश और जिला प्रशासन के कड़े तेवरों के आगे किसी की नहीं चली। अतिक्रमण हटा तो बाजार से लेकर मुख्य हाईवे खुला-खुला हो गया था। कुछ दिन लोगों ने भी खूब तारीफ की।

मगर, समय बीतने के साथ ही अफसरों ने आंखें मूंद लीं। इसका फायदा नेताओं ने उठाया और चोरी-छिपे यहां दोबारा अतिक्रमण कराने की दबी जुबान में अनुमति दे दी। इसके बाद तो बाजार के हर कोने में पहले जैसा अतिक्रमण सजने लगा। खासकर ठाकुरपुर रोड पर दिन-रात पक्की और कच्ची दुकानों के निर्माण से पुरानी शक्ल में वापस आने लगी है। इसी तरह नंदा की चौकी से प्रेमनगर थाने के बीच में भी कई जगह अतिक्रमण सज गया है। दोबारा अतिक्रमण सजने में जितनी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है, उससे ज्यादा यहां कैंट बोर्ड की भी है। दोनों में आपसी समन्वय न होने का फायदा व्यापारी खूब उठा रहे हैं। खासकर हाईकोर्ट के आदेश में साफ कहा गया था कि अतिक्रमण हटाने के बाद यहां नियोजित विकास किया जाए।

वहीं इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने नंदा की चौकी से प्रेमनगर थाने तक फोर लेन सड़क निर्माण का प्रस्ताव बनाया था। मगर, चुनाव आचार संहिता लगते ही यहां सड़क के कुछ हिस्से में लीपापोती कर जिम्मेदारी की इतिश्री कर दी गई। अब चौड़ीकरण का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। इससे भी अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हुए।

अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी ओम प्रकाश ने बताया कि अभी लोकसभा की आचार संहिता लगी हुई है। यदि हटाए गए स्थानों पर दोबारा अतिक्रमण हुआ तो आचार संहिता के बाद सख्ती से उन पर कार्रवाई की जाएगी। किसी भी सूरत में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा।

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