Uttarakhand

राजाजी टाईगर रिजर्व के आदमखोर गुलदार ने नोंच-नोंच कर खाया युवक

वनकर्मी भी रह गए शव की हालत देख हैरान 

आदमखोर हो चुके गुलदार ने तीन साल में किया पांचवां शिकार

देहरादून : राजाजी टाईगर रिजर्व के आदमखोर हो चुके गुलदार ने एक और युवक को निवाला बना डाला। घटना से क्षेत्र में दहशत फैल गई। पुलिस ने युवक का क्षत-विक्षत शव मोतीचूर रेंज कार्यालय से एक किमी दूरी पर मिला है। उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है। वन क्षेत्राधिकारी ने छानबीन के बाद गुलदार के हमले की पुष्टि की है।

जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह मोतीचूर रेंज कार्यालय के समीप मार्निंग वॉक पर निकले स्थानीय लोगों ने हाईवे से सटे जंगल में चील, कौवों को मंडराते देखा। उन्होंने वन कर्मियों को सूचित किया।

सूचना पर पहुंची गश्ती टीम ने जंगल में छानबीन शुरू की। जहां चील कौवे मंडरा रहे थे उस दिशा की ओर बढ़े, तभी झाड़ियों के पास एक युवक का क्षत-विक्षत शव देखकर उनके होश उड़ गए। शव को किसी जानवर द्वारा नोंचा हुआ था।

मौके पर पहुंचे वन क्षेत्राधिकारी विकास रावत ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने गुलदार के हमले की पुष्टि करते हुए संभावना जताई कि गुलदार युवक को हाईवे से घसीटते हुए जंगल की ओर ले गया होगा।

उसकी उम्र करीब 35 वर्ष बताई गई है। शव को करीब 70 प्रतिशत खाया हुआ है। पुलिस ने शिनाख्त के काफी प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिली।राजाजी रिजर्व टाईगर की वन सीमा के बीच से दिल्ली-देहरादून-बदरीनाथ हाईवे का करीब 10 किमी का हिस्सा पर्यटकों और राहगीरों की हिंसक जानवरों से सुरक्षा को पार्क प्रशासन के लिए चुनौती बना है।

चार धाम यात्रा के लिए दूसरे प्रांतों से आने वाले पर्यटक और तीर्थयात्री इस संवेदनशील इलाके में शौच आदि के लिए आमतौर पर वाहन रोकते देखे जा सकते हैं। तीन साल में हाईवे के इसी हिस्से में गुलदार पांच लोगों को निवाला बना चुका है।
पांच माह बाद फिर गुलदार का हमला

गौरतलब हो कि हाईवे के 10 किमी डेंजर जोन में सत्यनारायण मंदिर, नेपाली फार्म क्षेत्र में घटना के बाद पार्क प्रशासन चेतावनी का संकेत बोर्ड लगाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेता है। हाईवे पर नियमित गश्त नहीं होने से पर्यटकों की जान खतरे में रहती है। यही वजह है कि 2014 से अब तक गुलदार पांच लोगों को निवाला बना चुका है।

इको विकास समिति अध्यक्ष राजेश जुगलान ने बताया कि हाईवे पर गश्ती टीम बनाकर नियमित गश्त होनी चाहिए। हाईवे पर जंगल किनारे रुकने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। पार्क प्रशासन ने लोगों की हिंसक जानवरों से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

क्षेत्र में गुलदार के हमलों की घटना का सिलसिला सन 2014 से शुरू हुआ था। नवंबर 2016 तक गुलदार हाईवे और आबादी में 10 लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। 18 नवंबर 2016 को नेपाली फार्म के पास जंगल में शौच के लिए गए ट्रक चालक सोमपाल निवासी झबरेड़ा, हरिद्वार को गुलदार ने निवाला बनाया था। पांच माह शांति के बाद अब ग्रामीण फिर से खौफजदा हैं।

devbhoomimedia

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