UTTARAKHAND

द हंस फाउण्डेशन खोलेगा आर्थिक रूप से कमजोर और मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय

आवासीय विद्यालय कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के बच्चों के लिए बनेगा : त्रिवेंद्र 

हंस फाउण्डेशन के सीईओ जनरल एस.एन मेहता और अधिकारियों के साथ हुआ निर्णय 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : द हंस फाउण्डेशन के सहयोग से पौड़ी गढ़वाल जिले के जयहरीखाल में आदर्श विद्यालय बनाया जायेगा। जहां आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्र-छात्राओं को इस विद्यालय में प्रवेश हेतु प्राथमिकता दी जायेगी। यह विद्यालय कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय बनाया जायेगा। जयहरीखाल में खुलने वाला यह विद्यालय लगभग 37 एकड़ क्षेत्र में बनाया जायेगा। 

मुख्यमंत्री ने बताया कि सतपुली के निकट लवाड़ में हंस फाउण्डेशन के सहयोग से स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी खोला जायेगा। इस सबंध में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने (आज) बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में हंस फाउण्डेशन के सीईओ जनरल एस.एन मेहता और अधिकारियों के साथ बैठक की। 

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस विद्यालय में आधुनिक शिक्षा तकनीक की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। प्रयास किया जाए कि अगले शैक्षणिक वर्ष तक यह विद्यालय बनकर तैयार हो जाए, ताकि इसमें नये शैक्षणिक वर्ष से कक्षाएं प्रारम्भ की जा सकें। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय को उच्च शैक्षिक गुणवत्ता का बनाया जायेगा। ऐसी व्यवस्था भी की जायेगी कि प्रति माह अखिल भारतीय सेवा का एक अधिकारी जाकर विद्यालय में गेस्ट लेक्चर दे।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा  कि  पौड़ी जनपद के लवाड़ में जो स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाया जायेगा, उसके लिए आने वाले समय में स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में संभावनाओं व आवश्कतानुसार, उद्योगों की मांग के आधार पर योजना बनाई जाए। यह स्किल डेवलपमेंट सेंटर आधुनिक तकनीक से युक्त होगा। प्रशिक्षण के लिए अच्छे ट्रेनरों की व्यवस्था की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए उनमें व्यावसायिक गुण विकसित करना जरूरी है। इस अवसर पर हंस फाउण्डेशन के सहयोग से प्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने पर भी चर्चा की गई।

बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव श्री अमित नेगी, श्री नितेश झा, श्रीमती सौजन्या उपस्थित थे। 

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