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प्रदूषण के कुप्रभाव से कम हो रही है पुरुषों-स्त्रियों की प्रजनन क्षमता

विषैले कैमिकलों की वजह से  गंभीर संकट से जूझ रही मानव सभ्यता

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

‘पुरुषों के प्राइवेट पार्ट पर प्रदूषण का पड़ रहा बुरा असर’ पर दीया मिर्जा का रिएक्शन 

बॉलीवुड की खूबसूरत एक्ट्रेस दीया मिर्जा ने कुछ वक्त पहले दूसरी बार शादी की। शादी के बाद अब हाल ही में दीया मिर्जा, वैभव के साथ हनीमून पर हैं और सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। इस बीच एक तस्वीर के अलावा दीया मिर्जा का एक ट्वीट चर्चा में हैं, जिसमें दीया मिर्जा ने प्रदूषण और पुरुष के प्राइवेट पार्ट से जुड़ी खबर पर प्रतिक्रिया दी है।
दरअसल हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, रिपोर्ट में लिखा है कि प्रदूषण का पुरुष के प्राइवेट पार्ट पर बुरा असर पड़ रहा है। इस खबर पर दीया मिर्जा ने कमेंट करते हुए लिखा, ‘इस जानकारी के बाद अब शायद लोग पर्यावरण संरक्षण और वायु प्रदूषण के लिए जागरुक होंगे।’ दीया का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग भी इसपर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
प्रदूषण से सांस संबंधित बीमारियां दुनिया झेल रही है लेकिन एक हालिया अध्ययन में दावा किया गया है कि प्रदूषण की वजह से पुरुषों के लिंग छोटे हो रहे हैं और सिकुड़ रहे हैं।
पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर शाना स्वान ने अपनी नई किताब ‘काउंट डाउन’ में यह दावा किया है कि विषैले कैमिकलों की वजह से मानव सभ्यता गंभीर संकट से जूझ रही है। किताब में खासतौर पर थैलेट्स का जिक्र किया गया है। थैलेट्स एक कैमिकल है जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है।
स्काय न्यूज की खबर के मुताबिक, इस किताब में यह अध्ययन किया गया है कि कैसे आधुनिक जीवनशैली स्पर्म काउंट के लिए खतरा है और कैसे यह पुरुषों-स्त्रियों की प्रजनन क्षमता को कम कर रही है।
डॉक्टर शान का कहना है कि प्रदूषण की वजह से बीते कुछ समय में छोटे लिंग के साथ पैदा होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ गई है।
डॉ. स्वान ने थैलेट्स सिंड्रोम की जांच सबसे पहले तब शुरू की जब उन्हें नर चूहों के लिंग में अंतर दिखाई दिया। उन्हें दिखाई दिया सिर्फ लिंग ही नहीं, मादा चूहों के भ्रूण पर भी असर पड़ रहा है। उनके प्रजनन अंग छोटे होते जा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने इंसानों पर भी अध्ययन करने का फैसला किया।

अपने अध्ययन में उन्हें यह पता लगा कि इंसानों के बच्चों में भी यही दिक्कत आ रही है। उनके जननांग विकृत हो रहे हैं।
थैलेट्स की वजह से प्लास्टिक ज्यादा लचीला बनता है। हालांकि, डॉक्टर स्वान का कहना है कि यह केमिकल अब खिलौनों और भोजन पदार्थों के जरिए इंसानों तक पहुंच रहा है और उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है।

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